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देश के विभिन्न सैनिकों में से एसएसबी का भी महत्वपूर्ण स्थान: श्रीकुमार बंदोपाध्याय(आईजी एसएसबी)

विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।

खोरीबाड़ी : एसएसबी की 41 वीं वाहिनी रानीडांगा की ओर से शुक्रवार को 58 वां रेसिंग डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिन परेड, खेल कूद आदि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर एसएसबी के आइजी श्रीकुमार बंदोपाध्याय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि
हम सभी को गर्व है कि हमारी 58 वर्षो की यात्रा में, सशस्त्र सीमा बल सीमावर्ती लोगों के साथ एक मजबूत तालमेल बनाने में सफल रहा है और एसएसबी को सीमा क्षेत्र में मित्र बल के रूप में पहचान मिली है। एस एस बी के इतिहास के बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि बल की स्थापना वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद वर्ष 1963 में स्पेशल सíवस ब्यूरों के रूप मे सीमावर्ती लोगों मे एकजुटता की भावना पैदा करने, उनके बीच राष्ट्रीय एकता का प्रचार-प्रसार कर उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से की गई थी। सन 2001 में गृह मंत्रालय के अन्तर्गत सीमा रक्षक बल बनने के बाद यह बल देश की संवेदनशील भारत-नेपाल सीमाओं पर सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा है। उन्होंने कहा जब सब कोई सोते हैं, तो सुरक्षा बल के जवान जागते रहते हैं।

फोटो : 58 वां रेसिंग कार्यक्रम में मौजूद एसएसबी के अधिकारीगण व जवान

देश के विभिन्न सैनिकों में से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का भी महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा एसएसबी का काम वैसे तो मुख्य रूप से सीमा की रक्षा करना होता है, लेकिन वह सुरक्षा के साथ ही साथ पिछले कई वर्षों से सीमावर्ती क्षेत्रों में रहनेवाले लोगों के बीच गरीबी लोगों के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। अपने सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों लोगों को कई तरह की रोजगारमूलक प्रशिक्षण दे चुकी है, जिससे लोग अपना रोजगार शुरू कर आय प्राप्त कर रहे हैं। वहीं डीआइजी थॉमस चाको द्वारा जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावित क्षेत्र जैसे राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में बल के जवानों द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। उन्होंने बल की संचालन संबंधी उपलब्धियों पर बल के जवानों को अवगत कराया और उन्हें राष्ट्र के प्रति अत्यंत समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आगे कहा कि हमें आज की परिस्थितियों में सम्पूर्ण समर्पण, त्याग व जनसेवा की भावना से सजग होकर कार्य करना है व अपनी 58 वर्षो की परंपरा को अक्षुण्ण रखकर सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व की भावना से कार्य करना है। इस मौके पर एसएसबी के आइजी श्रीकुमार बंदोपाध्याय, डीआइजी थॉमस चाको, एसएसबी 41 वाहिनी के कमांडेंट सुभाष चंद समेत अन्य एसएसबी अधिकारी मौजूद थे।

फोटो : 58 वां रेसिंग कार्यक्रम में मौजूद एसएसबी के अधिकारीगण व जवान


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