नक्सलबाड़ी : ऑल इंडिया ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 12 सूत्री मांगों के समर्थन में भारत बंद को सफल बनाने के लिए सीटू (Centre of Indian Trade Unions) और वामफ्रंट श्रमिक यूनियन के सदस्यों ने नक्सलबाड़ी चाय बागान में पिकेटिंग कर रैली निकाली है। नक्सलबाड़ी के बागान में सोमवार को पिकेटिंग करने के बाद बागान से चाय बागान के गेट तक एक रैली निकाली गई। इस संबंध में सीटू जिला सचिव गौतम घोष ने कहा कि हड़ताल का व्यापक असर है। उन्होंने बताया कि 12 सूत्रों मांगो के समर्थन में रैली निकाली गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार चाय बागानों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। चाय उद्योग से मालिक पक्ष को काफी मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूद चाय श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा मालिक पक्ष व सरकार की उपेक्षा के चलते बागान में कार्यरत श्रमिकों की अवस्था दिन व दिन खराब होती जा रही है।
उन्होंने कहा चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी का फैसला जल्द से जल्द करने, 20 प्रतिशत बोनस , काम से सेवानिवृत्ति 60 वर्ष करने, स्टाफ और सब स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत आदि की मांग की गयी। साथ ही उन्होंने कहा कि मजदूरों द्वारा अतिरिक्त पत्ती तोड़ने पर उन्हें दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से अतिरिक्त पैसा देने समेत चाय बागान श्रमिकों को जमीन का पट्टा देने की मांग की गयी। उन्होंने कहा चाय बागानों में चाय श्रमिक काफी वर्षों से चाय बागानों में काम कर रहे हैं अबतक उन चाय श्रमिकों को रहने के लिए अपना जमीन नहीं है। वहीं कुछ वर्षों से आये घुसपैठियों को रहने के लिए राज्य सरकार ने जमीन का पट्टा दे दिया है और चाय श्रमिकों के साथ सौतेला की तरह व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस दिन चाय श्रमिकों को 300-350 रुपये मजदूरी देने सहित आदि मांगें रखी गई है। आगे उन्होंने कहा चाय बागानों के 75 प्रतिशत श्रमिक हड़ताल में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा बागान में श्रमिकों पर जुल्म हो रहा है। उनपर काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। इसलिए इसको देखते हुए विरोध में दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है। हालांकि आज पहले दिन हड़ताल में अधिकांश निजी बसें बंद हैं। सरकारी बसें जबरदस्ती चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा सीटू चाय श्रमिकों के हित में कार्य करने को हरसंभव तत्पर है। अगर जल्द चाय श्रमिकों की मांग पूरी नहीं की गई तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा।
विशेष संवाददाता, सारस न्यूज़, दार्जिलिंग।
नक्सलबाड़ी : ऑल इंडिया ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 12 सूत्री मांगों के समर्थन में भारत बंद को सफल बनाने के लिए सीटू (Centre of Indian Trade Unions) और वामफ्रंट श्रमिक यूनियन के सदस्यों ने नक्सलबाड़ी चाय बागान में पिकेटिंग कर रैली निकाली है। नक्सलबाड़ी के बागान में सोमवार को पिकेटिंग करने के बाद बागान से चाय बागान के गेट तक एक रैली निकाली गई। इस संबंध में सीटू जिला सचिव गौतम घोष ने कहा कि हड़ताल का व्यापक असर है। उन्होंने बताया कि 12 सूत्रों मांगो के समर्थन में रैली निकाली गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार चाय बागानों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। चाय उद्योग से मालिक पक्ष को काफी मुनाफा हो रहा है। इसके बावजूद चाय श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा मालिक पक्ष व सरकार की उपेक्षा के चलते बागान में कार्यरत श्रमिकों की अवस्था दिन व दिन खराब होती जा रही है।
उन्होंने कहा चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी का फैसला जल्द से जल्द करने, 20 प्रतिशत बोनस , काम से सेवानिवृत्ति 60 वर्ष करने, स्टाफ और सब स्टाफ क्वार्टरों की मरम्मत आदि की मांग की गयी। साथ ही उन्होंने कहा कि मजदूरों द्वारा अतिरिक्त पत्ती तोड़ने पर उन्हें दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से अतिरिक्त पैसा देने समेत चाय बागान श्रमिकों को जमीन का पट्टा देने की मांग की गयी। उन्होंने कहा चाय बागानों में चाय श्रमिक काफी वर्षों से चाय बागानों में काम कर रहे हैं अबतक उन चाय श्रमिकों को रहने के लिए अपना जमीन नहीं है। वहीं कुछ वर्षों से आये घुसपैठियों को रहने के लिए राज्य सरकार ने जमीन का पट्टा दे दिया है और चाय श्रमिकों के साथ सौतेला की तरह व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस दिन चाय श्रमिकों को 300-350 रुपये मजदूरी देने सहित आदि मांगें रखी गई है। आगे उन्होंने कहा चाय बागानों के 75 प्रतिशत श्रमिक हड़ताल में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा बागान में श्रमिकों पर जुल्म हो रहा है। उनपर काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। इसलिए इसको देखते हुए विरोध में दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है। हालांकि आज पहले दिन हड़ताल में अधिकांश निजी बसें बंद हैं। सरकारी बसें जबरदस्ती चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा सीटू चाय श्रमिकों के हित में कार्य करने को हरसंभव तत्पर है। अगर जल्द चाय श्रमिकों की मांग पूरी नहीं की गई तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा।
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