सिलीगुड़ी शहर के दक्षिण एक्तियासाल इलाके एक घर में लंबे समय से चेन से बांधकर रखे गए एक बंदर को पशु प्रेमी संस्था की मदद से वन विभाग की सहयोग से आजाद कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दक्षिण एक्तियासाल इलाके में रहने वाले शिवेन चक्रवर्ती के अनुसार करीब 4 वर्ष पहले घायल अवस्था में एक बंदर ईस्टर्न बाइस के पास मिला था। उन्होंने घायल बंदर का चिकित्सा करवाने के बाद अपने घर में रख लिया। तब से वह बंदर का पालन पोषण कर रहा था। इसकी सूचना पशु प्रेमी संस्था की सदस्य प्रिया रूद्र को मिल गई।
जिसके बाद उन्होंने सालुगाड़ा वन विभाग के साथ मिलकर बंदर को आजाद कराया। वन विभाग के मुताबिक उक्त बंदर को बंगाल सफारी पार्क में छोड़ा जाएगा। बताते चलें कि वन विभाग के नियमानुसार कोई भी जंगली जीव जंतु को घर में नहीं पाला जा सकता है। इस नियम को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। नहीं तो उसके विरूद्ध क़ानूनी कार्रवाई की जायेगी।
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
सिलीगुड़ी शहर के दक्षिण एक्तियासाल इलाके एक घर में लंबे समय से चेन से बांधकर रखे गए एक बंदर को पशु प्रेमी संस्था की मदद से वन विभाग की सहयोग से आजाद कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दक्षिण एक्तियासाल इलाके में रहने वाले शिवेन चक्रवर्ती के अनुसार करीब 4 वर्ष पहले घायल अवस्था में एक बंदर ईस्टर्न बाइस के पास मिला था। उन्होंने घायल बंदर का चिकित्सा करवाने के बाद अपने घर में रख लिया। तब से वह बंदर का पालन पोषण कर रहा था। इसकी सूचना पशु प्रेमी संस्था की सदस्य प्रिया रूद्र को मिल गई।
जिसके बाद उन्होंने सालुगाड़ा वन विभाग के साथ मिलकर बंदर को आजाद कराया। वन विभाग के मुताबिक उक्त बंदर को बंगाल सफारी पार्क में छोड़ा जाएगा। बताते चलें कि वन विभाग के नियमानुसार कोई भी जंगली जीव जंतु को घर में नहीं पाला जा सकता है। इस नियम को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। नहीं तो उसके विरूद्ध क़ानूनी कार्रवाई की जायेगी।
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