सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
सिलीगुड़ी प्रक्षेत्र में होली से पहले चाय बगान श्रमिकों को न्यूनतम मजूदरी का तोहफा मिलने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन बैठक नहीं हो पाने के चलते न्यूनतम मजदूरी पर फैसला होते -होते रह गया। अब राज्य के श्रममंत्री बेचाराम मन्ना का बयान आया है कि 31 मार्च को न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि को लेकर अहम घोषणा की जाएगी। सिलीगुड़ी श्रमिक भवन में मंत्री इसकी घोषणा करेंगे। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार कृषि क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी 271 रूपए तय है और इसकी को आधार बनाते हुए चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय किए जाने की संभावना बन रही है।
लंबे समय से की जा रही मांग का हो सकता समाधान
चाय बगान यूनियन प्रतिनिधियाें व मालिक पक्ष के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में खुले मन से सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद न्यूनतम मजदूरी वृद्धि की घोषणा की जाएगी। बताते चले कि चार मार्च की बैठक में चाय बगान श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी क्या हो इस पर चाय बगान मालिक पक्ष से 7 से 10 दिन के भीतर एक प्रस्ताव मांगा गया था। चाय बगान मालिकाें के संगठन की ओर से इस पर अपना पक्ष प्रस्ताव के माध्यम से रख दिया गया है। सिलीगुड़ी में मिनिमम वेज एडवाइजरी काउंसिल की बैठक का समापन इसी बात से की गयी थी कि अगली बैठक में जब सभी मिलेंगे तो उम्मीद की जा सकती है कि न्यूनतम मजदूरी पर एक मत बनती हुई दिखेगी तथा बगान के श्रमिकों की लंबे समय से चली आ रही न्यूनतम मजदूरी की समस्या का समाधान हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चाय बगान श्रमिक यूनियन की ओर से 660 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी निर्धारित करने की मांग की जा रही है, जबकि फिलहाल श्रमिकों को 202 रुपए की मजदूरी मिल रही है। मालिक पक्ष की ओर से श्रमिकों की मजदूरी 212 रूपए करने की बात कही जाती रही है। हालांकि राज्य श्रम विभाग वर्तमान हालात में 212 मजदूरी पर सहमत नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि सभी पक्षों को सतुंष्ट करने के लिए 258 से 260 रूपए के बीच न्यूनतम मजदूरी तय हो सकती है।
सीटू के नेता जिआउल आलम की माने तो श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 660 रुपए होनी चाहिए। तृणमूल चाय बगान श्रमिक यूनियन के नेता विरेंद्र बारा उरांव चाहते हैं कि न्यूनतम मजदूरी पर जल्द से जल्द निर्णय हो जाए। मिनिमम वेज एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य आलोक चक्रवर्ती का कहना है कि हर कोई चाहता है कि न्यूनतम मजदूरी पर फैसला हो जाए। इस बारे में चाय बगान मालिकों का संगठन इंडियन टी एसोसिएशन की चेयरपर्सन नयनतारा पाल चौधरी का कहना है कि कंसल्टेटिव कमेटी ऑफ प्लानटेशन एसोसिएशन की ओर से तैयार प्रस्ताव राज्य श्रम विभाग को दे दिया गया है। उम्मीद है अगली बैठक में न्यूनतम मजदूरी तय करने को लेकर हर पहलुओं पर विचार किया जाएगा। बगान श्रमिकों को बिजली, आवास, कपड़े, राशन व अन्य सुविधाए पहले से ही मिल रहे हैं। इसके अलावा अलग से उन्हें मजदूरी दी जा रही हैं।
बताते चले कि उत्तर बंगाल में छोटे- बड़े लगभग 500 से अधिक चाय बगान हैं। इन बगानों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर करीब पांच लाख लोगों की रोजी- रोटी जुड़ी हुई है। वर्तमान में बगान में काम करने वाले चाय बगान श्रमिकों को दैनिक मजदूरी के रुप में प्रतिदिन 202 रुपए मिलते हैं। पिछले साल 15 प्रतिशत के अंतरिम वृद्धि के साथ 26 रुपए बढ़ाए गए थे। इसके बाद ही मजदूरी 176 रुपए से बढ़कर 202 रुपए हो गए थे। इस मसले पर 2014 से ही बैठकें होती आ रही है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। सात साल में अब तक 17 बार इस मुद्दे पर बैठक हो चुकी है।