सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी प्रखंड अंतर्गत बुढागंज ग्राम पंचायत के कल्याणपुर गांव में हुए भीषण अग्निकांड में तीन घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। इस आगलगी में केवल तीन परिवारों के घर ही नहीं जले, बल्कि उनकी पूरी तक़दीर ही राख हो गई। पीड़ित परिवारों के पास अब कुछ भी शेष नहीं बचा है।
कड़ाके की ठंड के इस मौसम में वे किसी तरह दिन गुजार रहे हैं। फांसीदेवा की विधायक दुर्गा मुर्मू की ओर से कंबल मिलने के बाद ही परिवार के सदस्य और उनके बच्चे तन ढक पा रहे हैं। विधायक की ओर से दिए गए कुछ गर्म कपड़े ही इस समय उनके सहारे हैं, जिनसे वे किसी तरह काम चला रहे हैं।
आग की एक चिंगारी ने उनके बसे-बसाए जीवन की दशा और दिशा ही बदल दी। आशियाने की राख के ढेर में आज भी उनकी आंखें उम्मीद के साथ कुछ तलाशती नजर आती हैं। रुपये, आभूषण, जरूरी कागजात — सब कुछ जलकर खाक हो चुका है। तीनों परिवार जीवन को फिर से पटरी पर लाने की सोच में डूबे हुए हैं कि क्या करें और कैसे करें। हालांकि, उनके लिए दोबारा उठकर खड़ा होना आसान नहीं दिख रहा है, क्योंकि अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। सब कुछ शून्य हो चुका है और शून्य से आगे बढ़ना बेहद कठिन प्रतीत हो रहा है।
वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। इस अगलगी में खंडहर में तब्दील हो चुके घरों में अब केवल खंभे खड़े नजर आते हैं, जो भी किसी काम के नहीं रहे। तीनों घरों में कुल छह बच्चों की किताबें, कॉपियां और सभी जरूरी दस्तावेज पूरी तरह जल चुके हैं।
अग्निकांड से प्रभावित लाल बाबू बर्मन और ललित बर्मन ने बताया कि उनके जीवन में अब दुख के सिवाय कुछ नहीं बचा है। बड़ी मुश्किल से वे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे थे, लेकिन अब वह सहारा भी खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि उन्हें मदद का भरोसा जरूर दिया गया है, लेकिन जब तक घर दोबारा तैयार नहीं हो जाते और जीवन फिर से स्थापित नहीं हो जाता, तब तक पटरी पर लौटना बेहद मुश्किल लग रहा है।
क्यों जलकर सब कुछ हुआ खाक
आरोप है कि लगभग तीन लाख आबादी वाले खोरीबाड़ी प्रखंड में फायर ब्रिगेड की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण प्रखंड के 275 गांवों में कहीं भी आग लगने की स्थिति में लोग भगवान भरोसे ही रह जाते हैं। पूरे प्रखंड में आग लगने पर नक्सलबाड़ी फायर ब्रिगेड को ही सूचना दी जाती है।
खोरीबाड़ी से नक्सलबाड़ी की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। यही कारण है कि गुरुवार रात कल्याणपुर गांव में आग लगने के बाद, फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही तीनों परिवारों के घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। बताया गया कि आग लगते ही नक्सलबाड़ी फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई थी, लेकिन वहां से दमकल की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही सब कुछ समाप्त हो चुका था।
जनप्रतिनिधियों ने बढ़ाया मदद का हाथ
बताया गया है कि अग्निकांड से प्रभावित परिवारों को बुढागंज ग्राम पंचायत की ओर से टीन शीट उपलब्ध कराई गई है और घर निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। फिलहाल प्रभावित परिवार अपने पड़ोसियों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
वहीं भाजपा विधायक दुर्गा मुर्मू की ओर से पीड़ित परिवारों को दो तिरपाल, तीन कंबल और बेडशीट प्रदान की गई है। इसके अलावा शुक्रवार को विधायक द्वारा प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री भी सौंपी गई।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी प्रखंड अंतर्गत बुढागंज ग्राम पंचायत के कल्याणपुर गांव में हुए भीषण अग्निकांड में तीन घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। इस आगलगी में केवल तीन परिवारों के घर ही नहीं जले, बल्कि उनकी पूरी तक़दीर ही राख हो गई। पीड़ित परिवारों के पास अब कुछ भी शेष नहीं बचा है।
कड़ाके की ठंड के इस मौसम में वे किसी तरह दिन गुजार रहे हैं। फांसीदेवा की विधायक दुर्गा मुर्मू की ओर से कंबल मिलने के बाद ही परिवार के सदस्य और उनके बच्चे तन ढक पा रहे हैं। विधायक की ओर से दिए गए कुछ गर्म कपड़े ही इस समय उनके सहारे हैं, जिनसे वे किसी तरह काम चला रहे हैं।
आग की एक चिंगारी ने उनके बसे-बसाए जीवन की दशा और दिशा ही बदल दी। आशियाने की राख के ढेर में आज भी उनकी आंखें उम्मीद के साथ कुछ तलाशती नजर आती हैं। रुपये, आभूषण, जरूरी कागजात — सब कुछ जलकर खाक हो चुका है। तीनों परिवार जीवन को फिर से पटरी पर लाने की सोच में डूबे हुए हैं कि क्या करें और कैसे करें। हालांकि, उनके लिए दोबारा उठकर खड़ा होना आसान नहीं दिख रहा है, क्योंकि अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है। सब कुछ शून्य हो चुका है और शून्य से आगे बढ़ना बेहद कठिन प्रतीत हो रहा है।
वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से मदद का आश्वासन दिया जा रहा है। इस अगलगी में खंडहर में तब्दील हो चुके घरों में अब केवल खंभे खड़े नजर आते हैं, जो भी किसी काम के नहीं रहे। तीनों घरों में कुल छह बच्चों की किताबें, कॉपियां और सभी जरूरी दस्तावेज पूरी तरह जल चुके हैं।
अग्निकांड से प्रभावित लाल बाबू बर्मन और ललित बर्मन ने बताया कि उनके जीवन में अब दुख के सिवाय कुछ नहीं बचा है। बड़ी मुश्किल से वे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे थे, लेकिन अब वह सहारा भी खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि उन्हें मदद का भरोसा जरूर दिया गया है, लेकिन जब तक घर दोबारा तैयार नहीं हो जाते और जीवन फिर से स्थापित नहीं हो जाता, तब तक पटरी पर लौटना बेहद मुश्किल लग रहा है।
क्यों जलकर सब कुछ हुआ खाक
आरोप है कि लगभग तीन लाख आबादी वाले खोरीबाड़ी प्रखंड में फायर ब्रिगेड की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण प्रखंड के 275 गांवों में कहीं भी आग लगने की स्थिति में लोग भगवान भरोसे ही रह जाते हैं। पूरे प्रखंड में आग लगने पर नक्सलबाड़ी फायर ब्रिगेड को ही सूचना दी जाती है।
खोरीबाड़ी से नक्सलबाड़ी की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। यही कारण है कि गुरुवार रात कल्याणपुर गांव में आग लगने के बाद, फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही तीनों परिवारों के घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। बताया गया कि आग लगते ही नक्सलबाड़ी फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई थी, लेकिन वहां से दमकल की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही सब कुछ समाप्त हो चुका था।
जनप्रतिनिधियों ने बढ़ाया मदद का हाथ
बताया गया है कि अग्निकांड से प्रभावित परिवारों को बुढागंज ग्राम पंचायत की ओर से टीन शीट उपलब्ध कराई गई है और घर निर्माण का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। फिलहाल प्रभावित परिवार अपने पड़ोसियों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
वहीं भाजपा विधायक दुर्गा मुर्मू की ओर से पीड़ित परिवारों को दो तिरपाल, तीन कंबल और बेडशीट प्रदान की गई है। इसके अलावा शुक्रवार को विधायक द्वारा प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री भी सौंपी गई।