– आजादी के 78 साल बाद ही कई इलाके में नहीं पहुंची बिजली
– स्मार्ट मीटर को रद्द और सभी मांगे 15 दिनों के भीतर करने की मांग
बागडोगरा अंचल कांग्रेस कमेटी की ओर से मंगलवार को मुख्य अभियंता पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइडीसीएल) सिलीगुड़ी को एक पत्र सौंपा है। सौंपे गए पत्र के माध्यम से बताया गया कि पश्चिम बंगाल में बिजली की दरें भारत के अन्य राज्यों की तुलना से बहुत अधिक हैं। विभिन्न राज्यों में छूट (विशिष्ट यूनिटों के अनुसार) होती है, इसलिए पश्चिम बंगाल में बिजली की कीमत आम आदमी के लिए बहुत महंगी है। इसे कम किया जाएं। फिलहाल सरकार स्मार्ट मीटर कह कर रही है, लेकिन फिलहाल इसे टाला जाएं। कांग्रेस की ओर से मांग कर रहा है कि उक्त सरकारी अधिसूचना को निलंबित व रद्द किया जाए। इस संबंध में दार्जिलिंग जिला कांग्रेस के संयोजक अमिताभ सरकार ने बताया कि सरकार का दावा है कि पश्चिम बंगाल के हर गांव में बिजली पहुंच गयी है।
लेकिन अभी तक अपर बागडोगरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बेंगडुबी चाय बागान, तराई शाखा भारतीय चाय संघ, चाय अनुसंधान संघ, अपना गांव, बेंगडुबी वन बंगला और बेंगडुबी वन क्वार्टर आजादी के 78 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। सेना ने क्षेत्र के लोगों को अस्थायी बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं, जिन्हें वर्ष के किसी निश्चित समय पर इच्छानुसार काटा जा सकता है। तथा प्रति यूनिट बिजली के लिए 14 रुपए रक्षा मंत्रालय के खाते में जमा करना होगा। हाल ही में जब कांग्रेस ने विद्युत विभाग से विद्युत कनेक्शन की मांग की तो कहा गया कि विद्युत विभाग 50,00,000 लाख रुपए जमा करेगा। जो उस क्षेत्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराना असंभव है। यहां यह उल्लेख किया गया है कि उक्त स्थानों पर सड़क के किनारे पीडब्ल्यूडी की भूमि के ऊपर से बिजली के तार गुजारने में कोई कठिनाई नहीं होगी। यदि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके अलावा बागडोगरा के कई क्षेत्रों में अभी भी एक कनेक्शन हैं। उन्हें तीन-चरण कनेक्शन में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
– आजादी के 78 साल बाद ही कई इलाके में नहीं पहुंची बिजली
– स्मार्ट मीटर को रद्द और सभी मांगे 15 दिनों के भीतर करने की मांग
बागडोगरा अंचल कांग्रेस कमेटी की ओर से मंगलवार को मुख्य अभियंता पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसइडीसीएल) सिलीगुड़ी को एक पत्र सौंपा है। सौंपे गए पत्र के माध्यम से बताया गया कि पश्चिम बंगाल में बिजली की दरें भारत के अन्य राज्यों की तुलना से बहुत अधिक हैं। विभिन्न राज्यों में छूट (विशिष्ट यूनिटों के अनुसार) होती है, इसलिए पश्चिम बंगाल में बिजली की कीमत आम आदमी के लिए बहुत महंगी है। इसे कम किया जाएं। फिलहाल सरकार स्मार्ट मीटर कह कर रही है, लेकिन फिलहाल इसे टाला जाएं। कांग्रेस की ओर से मांग कर रहा है कि उक्त सरकारी अधिसूचना को निलंबित व रद्द किया जाए। इस संबंध में दार्जिलिंग जिला कांग्रेस के संयोजक अमिताभ सरकार ने बताया कि सरकार का दावा है कि पश्चिम बंगाल के हर गांव में बिजली पहुंच गयी है।
लेकिन अभी तक अपर बागडोगरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बेंगडुबी चाय बागान, तराई शाखा भारतीय चाय संघ, चाय अनुसंधान संघ, अपना गांव, बेंगडुबी वन बंगला और बेंगडुबी वन क्वार्टर आजादी के 78 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है। सेना ने क्षेत्र के लोगों को अस्थायी बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराये हैं, जिन्हें वर्ष के किसी निश्चित समय पर इच्छानुसार काटा जा सकता है। तथा प्रति यूनिट बिजली के लिए 14 रुपए रक्षा मंत्रालय के खाते में जमा करना होगा। हाल ही में जब कांग्रेस ने विद्युत विभाग से विद्युत कनेक्शन की मांग की तो कहा गया कि विद्युत विभाग 50,00,000 लाख रुपए जमा करेगा। जो उस क्षेत्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराना असंभव है। यहां यह उल्लेख किया गया है कि उक्त स्थानों पर सड़क के किनारे पीडब्ल्यूडी की भूमि के ऊपर से बिजली के तार गुजारने में कोई कठिनाई नहीं होगी। यदि 15 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं की गई तो कांग्रेस द्वारा बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके अलावा बागडोगरा के कई क्षेत्रों में अभी भी एक कनेक्शन हैं। उन्हें तीन-चरण कनेक्शन में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी।
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