नक्सलबाड़ी:खोरीबाड़ी थाना पुलिस ने भाजपा पंचायत समिति की सदस्य मीनारानी सिंह के बेटे परिमल सिंह को फर्जी लॉटरी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद खोरीबाड़ी के नयाहाट इलाके में हड़कंप मच गया है।
लॉटरी जीतने के बाद पैसे देने से किया इनकार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शंकर घोष नामक एक युवक ने लॉटरी काटकर 1 लाख 80 हजार रुपये का इनाम जीता था। इनाम जीतने के बाद जब वह अपनी जीती हुई रकम लेने आया और विक्रेता के साथ लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर के पास पहुंचा, तो डिस्ट्रीब्यूटर ने लॉटरी को नकली बताते हुए पैसे देने से इनकार कर दिया।
इससे दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। बाद में डिस्ट्रीब्यूटर ने शंकर घोष को 50 हजार रुपये दिए, लेकिन पूरी रकम देने से मना कर दिया। इस दौरान मामला तूल पकड़ने लगा और स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को किया गिरफ्तार
इधर, घटना की सूचना मिलते ही खोरीबाड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर परिमल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
राजनीतिक विवाद भी गहराया
इस मामले में तृणमूल पंचायत सदस्य ने कहा कि लॉटरी जीतने के बाद खरीदार जब डिस्ट्रीब्यूटर के पास गया, तो उसे नकली लॉटरी बताकर पैसे देने से इनकार कर दिया गया।
दूसरी ओर, भाजपा पंचायत समिति की सदस्य मीनारानी सिंह ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने दावा किया कि परिमल सिंह नकली लॉटरी टिकट की बिक्री नहीं करता। उन्होंने पुलिस से मांग की कि जांच करके यह पता लगाया जाए कि फर्जी लॉटरी कहां से आई और इसमें कौन-कौन शामिल है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने साजिश के तहत उनके बेटे को फंसाया है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह किसी बड़े लॉटरी घोटाले से जुड़ा मामला है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।
प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी:खोरीबाड़ी थाना पुलिस ने भाजपा पंचायत समिति की सदस्य मीनारानी सिंह के बेटे परिमल सिंह को फर्जी लॉटरी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद खोरीबाड़ी के नयाहाट इलाके में हड़कंप मच गया है।
लॉटरी जीतने के बाद पैसे देने से किया इनकार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शंकर घोष नामक एक युवक ने लॉटरी काटकर 1 लाख 80 हजार रुपये का इनाम जीता था। इनाम जीतने के बाद जब वह अपनी जीती हुई रकम लेने आया और विक्रेता के साथ लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर के पास पहुंचा, तो डिस्ट्रीब्यूटर ने लॉटरी को नकली बताते हुए पैसे देने से इनकार कर दिया।
इससे दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। बाद में डिस्ट्रीब्यूटर ने शंकर घोष को 50 हजार रुपये दिए, लेकिन पूरी रकम देने से मना कर दिया। इस दौरान मामला तूल पकड़ने लगा और स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को किया गिरफ्तार
इधर, घटना की सूचना मिलते ही खोरीबाड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर परिमल सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
राजनीतिक विवाद भी गहराया
इस मामले में तृणमूल पंचायत सदस्य ने कहा कि लॉटरी जीतने के बाद खरीदार जब डिस्ट्रीब्यूटर के पास गया, तो उसे नकली लॉटरी बताकर पैसे देने से इनकार कर दिया गया।
दूसरी ओर, भाजपा पंचायत समिति की सदस्य मीनारानी सिंह ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने दावा किया कि परिमल सिंह नकली लॉटरी टिकट की बिक्री नहीं करता। उन्होंने पुलिस से मांग की कि जांच करके यह पता लगाया जाए कि फर्जी लॉटरी कहां से आई और इसमें कौन-कौन शामिल है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने साजिश के तहत उनके बेटे को फंसाया है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह किसी बड़े लॉटरी घोटाले से जुड़ा मामला है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं।
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