सारस न्यूज, वेब डेस्क।
कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या के मामले में विरोध प्रदर्शन ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को जब छात्र संगठनों ने इस घटना के खिलाफ राज्य सचिवालय तक मार्च किया, तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस, और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। इस पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा ने बुधवार को 12 घंटे के बंगाल बंद का ऐलान किया है। हालांकि, ममता बनर्जी की सरकार ने इस बंद की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है।
ममता सरकार का कड़ा रुख
ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा के बंद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे अनुमति देने से मना कर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय ने कहा, “सरकार किसी भी प्रकार के बंद की अनुमति नहीं देगी और हम आम जनता से अपील करते हैं कि वे इसमें भाग न लें।” सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है कि बंद के दौरान सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो।
सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी नहीं
बंगाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि बुधवार को राज्य में सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे और किसी भी सरकारी कर्मचारी को छुट्टी नहीं दी जाएगी। नोटिफिकेशन के जरिए यह निर्देश दिया गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी अपने-अपने दफ्तरों में उपस्थित रहें। साथ ही, सरकार ने कहा है कि बुधवार को राज्य की परिवहन सेवाएं, बाजार, और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से खुले रहेंगे।
आम लोगों से अपील
पश्चिम बंगाल सरकार ने आम जनता से आग्रह किया है कि वे भाजपा के बंद में भाग न लें। सरकार का कहना है कि बंद के कारण आम लोगों को असुविधा हो सकती है, इसलिए इसे रोकना जरूरी है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आवश्यक सेवाओं में कोई बाधा न आए और नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
राजनीतिक तनाव बढ़ा
बंगाल बंद के ऐलान के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। एक तरफ भाजपा ममता सरकार पर विरोध की आवाज दबाने का आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ टीएमसी का कहना है कि भाजपा राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा और टीएमसी के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है।