सारस न्यूज़, चंदन मंडल, सिलीगुड़ी : नेपाल के तराई में हो रही भारी बारिश के कारण भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। मेची नदी का यह विकराल रूप शुक्रवार को दिखने को मिली । मेची नदी का जलस्तर बढ़ने से दार्जिलिंग जिले के अंतिम छोड़ डांगुजोत इलाके के सैकड़ों परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया है। इसके अलावा भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी की 41 वीं वाहिनी के डांगुजोत बीओपी में भी मेची नदी का पानी घुस गया है।

एसएसबी जवान ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं। वहीं मेची नदी जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ पीडितों की संख्या भी बढ़ रही है। आवागमन की समस्या के साथ ही जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ से डांगुजोत गांव सर्वाधिक प्रभावित है। यहां सैकडों परिवार बाढ़ के पानी से घिर गए हैैं। सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। इससे लोग ऊंची स्थान पर शरण ले रहे हैैं। शंभु साह, संतोष महतो, देवकुमार महतो, मोहम्मद हुसैन आदि ने बताया कि अचानक बाढ़ का पानी घर में आ जाने से डांगुजोत इलाके के लोगों का अनाज, जलावन, कपड़े आदि खराब हो गए। किसी तरह प्राण की रक्षा कर रहे हैं। मवेशियों की सुरक्षा करना भी कठिन हो रहा है। उनके खाने का दाना-चोकर पानी में डूब गया।

घरों में पानी भरा होने से ग्रामीणों के चूल्हे ठंडे पड़े रहे। लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं,लेकिन प्रशासन की ओर से मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को 2002,2009 और 2021 में आए जैसे बाढ़ का खतरा का भय सताने लगा है। वहीं नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से आसपास बसे लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। लोगों का कहना है कि मानसून के समय खत्म होने को था। लेकिन इस तरीके से नदी का जलस्तर बढ़ जायेगा, हमलोगों ने सोचा नहीं था।
लेकिन अचानक बीते तीन दिनों से हो रहे लगातार बारिश की वजह से मेची नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण उन सबकी भय की आशंकाएं भी बढ़ी हुई है।