सिलीगुड़ी: लंबे इंतजार के बाद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में कैंसर विभाग की ओपीडी सेवाएं दोबारा शुरू हो गई हैं। हाल ही में नए विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति के बाद अस्पताल ने हर मंगलवार और शुक्रवार को कैंसर ओपीडी शुरू करने की घोषणा की है।
कई महीनों से यहां कैंसर ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को सुश्रुतनगर स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) जाना पड़ रहा था। इससे खासकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के मरीजों को इलाज कराने में अतिरिक्त खर्च और समय की परेशानी झेलनी पड़ रही थी। अब ओपीडी शुरू होने से मरीजों को फिर से सस्ती और नजदीक में चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, हर शुक्रवार को ट्यूमर बोर्ड की बैठक भी होती है, जिसमें मरीजों के इलाज की रूपरेखा तय की जाती है।
अस्पताल अधीक्षक चंदन घोष ने बताया कि पहले ओंकोलॉजिस्ट के चले जाने के बाद तुरंत नया डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो सका था, जिसके चलते मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए एनबीएमसीएच भेजना पड़ता था। उन्होंने कहा, “नए डॉक्टर के आने के बाद कैंसर ओपीडी फिर शुरू हो गई है और मरीज वापस जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं।”
जिला अस्पताल में कैंसर उपचार के तहत मुफ्त कीमोथेरेपी, बायोप्सी, एफएनएसी टेस्ट और सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
इसके अलावा अस्पताल प्रशासन डायलिसिस यूनिट को भी और मजबूत करने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में यहां पांच मशीनों पर डायलिसिस की सुविधा मिल रही है, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण यह पर्याप्त नहीं है। पिछले साल पांच नई मशीनें जोड़ने का निर्णय लिया गया था और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक कंपनी को यह काम सौंपा गया है।
अधीक्षक चंदन घोष के मुताबिक, दुर्गा पूजा के बाद नई मशीनें अस्पताल में आ जाएंगी।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
सिलीगुड़ी: लंबे इंतजार के बाद सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में कैंसर विभाग की ओपीडी सेवाएं दोबारा शुरू हो गई हैं। हाल ही में नए विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति के बाद अस्पताल ने हर मंगलवार और शुक्रवार को कैंसर ओपीडी शुरू करने की घोषणा की है।
कई महीनों से यहां कैंसर ओपीडी बंद होने के कारण मरीजों को सुश्रुतनगर स्थित नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) जाना पड़ रहा था। इससे खासकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के मरीजों को इलाज कराने में अतिरिक्त खर्च और समय की परेशानी झेलनी पड़ रही थी। अब ओपीडी शुरू होने से मरीजों को फिर से सस्ती और नजदीक में चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
अस्पताल सूत्रों के अनुसार, हर शुक्रवार को ट्यूमर बोर्ड की बैठक भी होती है, जिसमें मरीजों के इलाज की रूपरेखा तय की जाती है।
अस्पताल अधीक्षक चंदन घोष ने बताया कि पहले ओंकोलॉजिस्ट के चले जाने के बाद तुरंत नया डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो सका था, जिसके चलते मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए एनबीएमसीएच भेजना पड़ता था। उन्होंने कहा, “नए डॉक्टर के आने के बाद कैंसर ओपीडी फिर शुरू हो गई है और मरीज वापस जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं।”
जिला अस्पताल में कैंसर उपचार के तहत मुफ्त कीमोथेरेपी, बायोप्सी, एफएनएसी टेस्ट और सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
इसके अलावा अस्पताल प्रशासन डायलिसिस यूनिट को भी और मजबूत करने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में यहां पांच मशीनों पर डायलिसिस की सुविधा मिल रही है, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण यह पर्याप्त नहीं है। पिछले साल पांच नई मशीनें जोड़ने का निर्णय लिया गया था और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक कंपनी को यह काम सौंपा गया है।
अधीक्षक चंदन घोष के मुताबिक, दुर्गा पूजा के बाद नई मशीनें अस्पताल में आ जाएंगी।
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