दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर (रविवार) से शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर खोरीबाड़ी सहित, नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा व खोरीबाड़ी से सटे आसपास के इलाके में तैयारियां जोरों पर है। पूजा पंडाल विशाल बनाये जा रहे हैं, पंडालों को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्हें देश दुनिया के चर्चित मंदिरों व ऐतिहासिक स्मारकों की तरह भव्य बनाए जा रहे हैं। पूरे राज्य भर में थीम को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाये जा रहे हैं। ताकि लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़े। वहीं खोरीबाड़ी में भी विभिन्न थीमों को आधार बनाकर बेहद आकर्षक दुर्गा पूजा के पंडाल बनाये जा रहे हैं।
नेपाल व देश के विभिन्न राज्यों से बंगाल की दुर्गा पूजा देखने आते हैं लोग:
खोरीबाड़ी के बतासी पीएसए क्लब दुर्गा पूजा कमेटी के अध्यक्ष मुकुल सरकार ने बताया कि बंगाल का सबसे बड़ा पर्व दुर्गा पूजा पर्व है। बंगाल का दुर्गा पूजा में बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों व पड़ोसी देश नेपाल से मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। साथ ही मेले का आनंद लेते हैं और दुर्गा मां से अपने परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हैं। जिससे नवरात्र के दस दिनों तक बंगाल में लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती हैं। उन्होंने कहा इस पिछले वर्ष बतासी पीएसए क्लब दुर्गा पूजा कमेटी ने सजावट पर पूरे दार्जिलिंग भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस बार भी उम्मीद है कि दार्जिलिंग में बतासी पीएसए क्लब प्रथम स्थान प्राप्त करेगा। आगे उन्होंने कहा इस वर्ष पीएसए कल्ब में सप्तमी से प्रति दिन लाखों की श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।
फोटो: बनाए जा रहे ‘बुनन थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल पीएसए क्लब बतासी।
बंगाल में नारी-पूजा की परंपरा प्राचीन समय से प्रचलित:
मुकुल सरकार ने कहा राज्य में नारी-पूजा की परंपरा प्राचीन समय से प्रचलित है। इसलिए यहां शक्ति की पूजा करने वाले शाक्त संप्रदाय का काफी असर है। दूसरी ओर वहां वैष्णव संत भी हुए हैं, जो राम और कृष्ण की आराधना में यकीन रखते हैं। राज्य में दशहरा पर्व दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। नवरात्र में शुरू होने वाला यह बंगालियों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यहां देवी दुर्गा को भव्य सुशोभित पंडालों विराजमान करते हैं। देश भर के नामी कलाकार दुर्गा की मूर्ति तैयार करते हैं। इसके साथ अन्य देवी देवताओं की भी कई मूर्तियां बनाई जाती हैं।
‘टू इन टावर थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी।
बंगाल को माना जाता है मां दुर्गा का मायका:
बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्य प्रभात मंडल ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी इस वर्ष ‘टू इन टावर थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल बना रही है। जिससे काफी श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। प्रभात मंडल बताते हैं कि बंगाल को मां दुर्गा का मायका माना जाता है। उन्होंने कहा मां दुर्गा के मायके के आने के साथ ही नवरात्र व्रत शुरु हो जाते हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान पूरा माहौल शक्ति की देवी दुर्गा के रंग का हो जाता है। वही दूसरी ओर युवा संप्रदाय क्लब (यूएसके ), खोरीबाड़ी इस साल ‘इटाहार कृष्ण मंदिर आदले (नेपाल) थीम’ को आधार बनाकर दुर्गा पूजा पंडाल बना रहे हैं।
बता दें कि राज्य में बंगाली हिंदुओं के लिए दुर्गा और काली की आराधना से बड़ा कोई उत्सव नहीं है। वे देश-विदेश जहां कहीं भी रहें, इस पर्व को खास बनाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
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3.’इटाहार कृष्ण मंदिर आदले (नेपाल) थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल, युवा संप्रदाय क्लब (यूएसके ), खोरीबाड़ी
चंदन मंडल, सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
दुर्गा माता की पूजा आराधना और नौ दिवसीय उपासना शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर (रविवार) से शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर खोरीबाड़ी सहित, नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा व खोरीबाड़ी से सटे आसपास के इलाके में तैयारियां जोरों पर है। पूजा पंडाल विशाल बनाये जा रहे हैं, पंडालों को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने के लिए उन्हें देश दुनिया के चर्चित मंदिरों व ऐतिहासिक स्मारकों की तरह भव्य बनाए जा रहे हैं। पूरे राज्य भर में थीम को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाये जा रहे हैं। ताकि लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़े। वहीं खोरीबाड़ी में भी विभिन्न थीमों को आधार बनाकर बेहद आकर्षक दुर्गा पूजा के पंडाल बनाये जा रहे हैं।
नेपाल व देश के विभिन्न राज्यों से बंगाल की दुर्गा पूजा देखने आते हैं लोग:
खोरीबाड़ी के बतासी पीएसए क्लब दुर्गा पूजा कमेटी के अध्यक्ष मुकुल सरकार ने बताया कि बंगाल का सबसे बड़ा पर्व दुर्गा पूजा पर्व है। बंगाल का दुर्गा पूजा में बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों व पड़ोसी देश नेपाल से मां दुर्गा के दर्शन करने आते हैं। साथ ही मेले का आनंद लेते हैं और दुर्गा मां से अपने परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हैं। जिससे नवरात्र के दस दिनों तक बंगाल में लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती हैं। उन्होंने कहा इस पिछले वर्ष बतासी पीएसए क्लब दुर्गा पूजा कमेटी ने सजावट पर पूरे दार्जिलिंग भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस बार भी उम्मीद है कि दार्जिलिंग में बतासी पीएसए क्लब प्रथम स्थान प्राप्त करेगा। आगे उन्होंने कहा इस वर्ष पीएसए कल्ब में सप्तमी से प्रति दिन लाखों की श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।
फोटो: बनाए जा रहे ‘बुनन थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल पीएसए क्लब बतासी।
बंगाल में नारी-पूजा की परंपरा प्राचीन समय से प्रचलित:
मुकुल सरकार ने कहा राज्य में नारी-पूजा की परंपरा प्राचीन समय से प्रचलित है। इसलिए यहां शक्ति की पूजा करने वाले शाक्त संप्रदाय का काफी असर है। दूसरी ओर वहां वैष्णव संत भी हुए हैं, जो राम और कृष्ण की आराधना में यकीन रखते हैं। राज्य में दशहरा पर्व दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। नवरात्र में शुरू होने वाला यह बंगालियों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यहां देवी दुर्गा को भव्य सुशोभित पंडालों विराजमान करते हैं। देश भर के नामी कलाकार दुर्गा की मूर्ति तैयार करते हैं। इसके साथ अन्य देवी देवताओं की भी कई मूर्तियां बनाई जाती हैं।
‘टू इन टावर थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी।
बंगाल को माना जाता है मां दुर्गा का मायका:
बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्य प्रभात मंडल ने बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल बलायझोड़ा दुर्गा पूजा कमेटी इस वर्ष ‘टू इन टावर थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल बना रही है। जिससे काफी श्रद्धालुओं की भीड़ होगी। प्रभात मंडल बताते हैं कि बंगाल को मां दुर्गा का मायका माना जाता है। उन्होंने कहा मां दुर्गा के मायके के आने के साथ ही नवरात्र व्रत शुरु हो जाते हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के दौरान पूरा माहौल शक्ति की देवी दुर्गा के रंग का हो जाता है। वही दूसरी ओर युवा संप्रदाय क्लब (यूएसके ), खोरीबाड़ी इस साल ‘इटाहार कृष्ण मंदिर आदले (नेपाल) थीम’ को आधार बनाकर दुर्गा पूजा पंडाल बना रहे हैं।
बता दें कि राज्य में बंगाली हिंदुओं के लिए दुर्गा और काली की आराधना से बड़ा कोई उत्सव नहीं है। वे देश-विदेश जहां कहीं भी रहें, इस पर्व को खास बनाने में वे कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
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3.’इटाहार कृष्ण मंदिर आदले (नेपाल) थीम’ दुर्गा पूजा पंडाल, युवा संप्रदाय क्लब (यूएसके ), खोरीबाड़ी
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