
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
नेपाल व बिहार सीमांत से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड के बतासी के बलायझोड़ा में बड़ी मां काली के मंदिर में मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित पूजा में रविवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मां के दरबार में हजारों श्रद्धालुओं ने अपना माथा टेका और मां काली सुख शांति जीवन के लिए कामना की।
कमेटी के अध्यक्ष प्रभात मंडल ने बताया कि काली मंदिर में मकर संक्राति के अवसर पर आयोजित मां काली पूजा अर्चना करने श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ पड़ा था। उन्होंने कहा नेपाल, बिहार, बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे और पूजा अर्चना की। कमिटी के सचिव अमल मंडल ने बताया कि 48 वर्षों से ही प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति की रात बारह बजे पूजा का आयोजन किया जाता है लेकिन कोरोना के कारण बीते दो वर्ष 2020-21 में मेला का आयोजन नहीं हुआ था। साथ ही बीते वर्ष 2022 में भी सही ढंग से मेला नहीं लगा था। फिर भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। कोरोना का कहर शांत होने के बाद इस वर्ष मेले का भी आयोजन भव्य रूप से किया गया। जिससे काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।





बताते चलें कि यह बड़ा काली मंदिर स्थानीय अश्विनी कुमार दे के द्वारा 1975 में बतासी स्थित बलायझोरा में स्थापित की गई थी। स्थापना के समय में बड़ी काली माता की प्रतिमा 35 हाथ की ऊंचाई के बराबर बनायी जाती थी। परंतु कुछ वर्षों से उससे छोटी प्रतिमा बन रही है। यह मंदिर आस्थाओं से जुड़ा है। यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर मां काली की पूजा अर्चना करने के बाद मां काली के चरणों में अपना माथा टेकते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि मन से मांगी मुरादें मां काली पूरी करती है।