भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 8वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) खपरैल द्वारा सोमवार को कमांडेंट मितुल कुमार के मार्गदर्शन में नक्सलबाड़ी के बाह्य सीमा चौकी बड़ामान रामजोत के समवाय प्रभारी सहायक कमांडेंट राहुल नयन के नेतृत्व में बड़ामानीरामजोत, बीरसिंहजोत एवं मारापुर गांव में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्रामीणों, महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चियों को इस जागरूकता अभियान के महत्व को बताते हुए सहायक कमांडेंट राहुल नयन ने अपने संबोधन में कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से हमें बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना चाहिए। बेटियों को समाज में सम्मानित और सुरक्षित महसूस कराना चाहिए, जिससे वे सशक्त बन सकें। शिक्षा बेटियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बेटियों को उच्च शिक्षा देने से वे अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं और अपने परिवार एवं समाज के विकास में योगदान दे सकती हैं।
इसके साथ ही ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के बारे में भी जानकारी दी गई और नशे से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया। महिलाओं को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया गया और मानव जीवन के कल्याण के महत्व को भी रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपरोक्त सभी विषयों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान से जोड़ा गया।
इस कार्यक्रम में अधिकारी, जवान, 8 शिक्षक एवं कुल 76 ग्रामीण (महिलाएं, पुरुष एवं बच्चियाँ) ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सभी ने 8वीं वाहिनी, बाह्य सीमा चौकी बड़ामानीरामजोत द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की।
सारस न्यूज, नक्सलबाड़ी।
भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 8वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) खपरैल द्वारा सोमवार को कमांडेंट मितुल कुमार के मार्गदर्शन में नक्सलबाड़ी के बाह्य सीमा चौकी बड़ामान रामजोत के समवाय प्रभारी सहायक कमांडेंट राहुल नयन के नेतृत्व में बड़ामानीरामजोत, बीरसिंहजोत एवं मारापुर गांव में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्रामीणों, महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चियों को इस जागरूकता अभियान के महत्व को बताते हुए सहायक कमांडेंट राहुल नयन ने अपने संबोधन में कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के माध्यम से हमें बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना चाहिए। बेटियों को समाज में सम्मानित और सुरक्षित महसूस कराना चाहिए, जिससे वे सशक्त बन सकें। शिक्षा बेटियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बेटियों को उच्च शिक्षा देने से वे अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं और अपने परिवार एवं समाज के विकास में योगदान दे सकती हैं।
इसके साथ ही ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के बारे में भी जानकारी दी गई और नशे से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया। महिलाओं को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया गया और मानव जीवन के कल्याण के महत्व को भी रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपरोक्त सभी विषयों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान से जोड़ा गया।
इस कार्यक्रम में अधिकारी, जवान, 8 शिक्षक एवं कुल 76 ग्रामीण (महिलाएं, पुरुष एवं बच्चियाँ) ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सभी ने 8वीं वाहिनी, बाह्य सीमा चौकी बड़ामानीरामजोत द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना की।
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