भारतीय महिला टीम की विश्व कप विजेता खिलाड़ी ऋचा घोष शुक्रवार को जब अपने शहर सिलीगुड़ी लौटीं, तो उनका स्वागत किसी सितारे की तरह हुआ। विश्व कप में उनके तेज तर्रार कैमियो, दमदार छक्कों और शानदार विकेटकीपिंग ने देशभर में उन्हें नई पहचान दिलाई है, और hometown की जनता ने उसी अंदाज में उनका जश्न मनाया।
बागडोगरा एयरपोर्ट पर ही उत्सव की शुरुआत हो गई। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव, ऋचा के पिता मणबेंद्र घोष, कई खेल संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे। वहीं, पूर्व मंत्री और सीपीएम नेता अशोक भट्टाचार्य भी उनके घर पहुंचकर सम्मान देने आए।
फ्लाइट देर होने के बावजूद एशियन हाईवे-2, हिल कार्ट रोड और शहर की कई गलियों में लोगों की भीड़ जमा रही। हर कोई बस एक बार अपनी स्टार खिलाड़ी की झलक पाना चाहता था।
ऋचा ने कहा, “इस तरह का स्वागत देखकर मन भावुक हो गया। खासकर छोटे-छोटे खिलाड़ी जब मेरा नाम लेकर चियर कर रहे थे, तो लगा सारी मेहनत सफल हुई।”
उन्होंने अपनी शुरुआती क्रिकेट यात्रा को याद करते हुए कहा, “जब खेलना शुरू किया था, तब पता ही नहीं था कि लड़कियों की अलग टीमें होती हैं। मैं तो लड़कों के साथ ही खेलती थी। जिला स्तर पर आने के बाद समझ आया कि महिलाओं के लिए कितने अवसर हैं। अब WPL और विश्व कप जीत के बाद और भी लड़कियां इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी।”
शनिवार को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) द्वारा ऋचा के लिए विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जहां उन्हें स्वर्ण-मढ़ित बैट और बॉल भेंट किए जाएंगे। विश्व कप में उन्होंने 133.52 की स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाए थे, जो भारत की जीत में एक बड़ा योगदान रहा।
सिर्फ ऋचा ही नहीं, भारत की कई महिला खिलाड़ी जब अपने-अपने शहर लौट रही हैं, तो उन्हें भी जोरदार स्वागत मिल रहा है। देश भर में महिला क्रिकेट की इस ऐतिहासिक जीत को लेकर उत्साह चरम पर है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
भारतीय महिला टीम की विश्व कप विजेता खिलाड़ी ऋचा घोष शुक्रवार को जब अपने शहर सिलीगुड़ी लौटीं, तो उनका स्वागत किसी सितारे की तरह हुआ। विश्व कप में उनके तेज तर्रार कैमियो, दमदार छक्कों और शानदार विकेटकीपिंग ने देशभर में उन्हें नई पहचान दिलाई है, और hometown की जनता ने उसी अंदाज में उनका जश्न मनाया।
बागडोगरा एयरपोर्ट पर ही उत्सव की शुरुआत हो गई। सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव, ऋचा के पिता मणबेंद्र घोष, कई खेल संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद थे। वहीं, पूर्व मंत्री और सीपीएम नेता अशोक भट्टाचार्य भी उनके घर पहुंचकर सम्मान देने आए।
फ्लाइट देर होने के बावजूद एशियन हाईवे-2, हिल कार्ट रोड और शहर की कई गलियों में लोगों की भीड़ जमा रही। हर कोई बस एक बार अपनी स्टार खिलाड़ी की झलक पाना चाहता था।
ऋचा ने कहा, “इस तरह का स्वागत देखकर मन भावुक हो गया। खासकर छोटे-छोटे खिलाड़ी जब मेरा नाम लेकर चियर कर रहे थे, तो लगा सारी मेहनत सफल हुई।”
उन्होंने अपनी शुरुआती क्रिकेट यात्रा को याद करते हुए कहा, “जब खेलना शुरू किया था, तब पता ही नहीं था कि लड़कियों की अलग टीमें होती हैं। मैं तो लड़कों के साथ ही खेलती थी। जिला स्तर पर आने के बाद समझ आया कि महिलाओं के लिए कितने अवसर हैं। अब WPL और विश्व कप जीत के बाद और भी लड़कियां इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी।”
शनिवार को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) द्वारा ऋचा के लिए विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया जाएगा, जहां उन्हें स्वर्ण-मढ़ित बैट और बॉल भेंट किए जाएंगे। विश्व कप में उन्होंने 133.52 की स्ट्राइक रेट से 235 रन बनाए थे, जो भारत की जीत में एक बड़ा योगदान रहा।
सिर्फ ऋचा ही नहीं, भारत की कई महिला खिलाड़ी जब अपने-अपने शहर लौट रही हैं, तो उन्हें भी जोरदार स्वागत मिल रहा है। देश भर में महिला क्रिकेट की इस ऐतिहासिक जीत को लेकर उत्साह चरम पर है।
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