खोरीबाड़ी के डुमरिया और डोडलोंग नदियों से बालू और पत्थर का अवैध खनन जोरों पर है, लेकिन संबंधित अधिकारी मौन हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत से माफिया राज कायम हो चुका है।
बेखौफ माफिया, प्रशासन पर सवाल
खोरीबाड़ी के बुढागंज क्षेत्र में दिनदहाड़े नदियों से बड़े पैमाने पर बालू और पत्थर निकाला जा रहा है। माफिया इतने बेखौफ हैं कि करीब 20 फीट गहराई तक खुदाई कर अवैध खनन कर रहे हैं। नदी तल पर बड़े पैमाने पर डंपिंग भी की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
अवैध खनन के कारण एक के बाद एक पुल ढह रहे हैं, जबकि सैकड़ों ट्रैक्टर रोजाना इस इलाके में प्रवेश कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि खनन के कारण कृषि भूमि बर्बाद हो रही है, लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। स्थानीय निवासियों ने लिखित शिकायतें भी दर्ज कराई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
भाजपा और तृणमूल आमने-सामने
भाजपा खोरीबाड़ी बुढागंज मंडल के सचिव संजीत सिंह ने प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विदेशी ट्रैक्टर लाकर बिना अनुमति के अवैध खनन किया जा रहा है और सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
वहीं, इस मामले में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सदस्य एवं तृणमूल कांग्रेस खोरीबाड़ी प्रखंड अध्यक्ष किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि प्रशासन जांच करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का बयान
खोरीबाड़ी बीडीओ दीप्ति साव ने बताया कि भूमि विभाग को जांच के आदेश दिए गए हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। बीएलआरओ प्रतिमा सुब्बा ने कहा कि डुमरिया नदी में नियमित छापेमारी की जाती है, लेकिन अधिकतर माफिया रात में खनन करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
एसडीपीओ का बयान
दार्जिलिंग ग्रामीण एसडीपीओ नेहा जैन ने कहा कि अवैध खनन के मामलों की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधायक आनंदमय बर्मन ने 11 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सिलीगुड़ी महकमा के महानंदा, बालासन, रक्ती, मेची, चेंगा सहित अन्य नदियों में हो रहे अवैध बालू खनन पर चिंता जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि माफिया जेसीबी और पॉकलिंग मशीनों का इस्तेमाल कर नदियों को खोखला कर रहे हैं और प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। हालांकि, इतने महीनों बाद भी अवैध खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
खोरीबाड़ी के डुमरिया और डोडलोंग नदियों से बालू और पत्थर का अवैध खनन जोरों पर है, लेकिन संबंधित अधिकारी मौन हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत से माफिया राज कायम हो चुका है।
बेखौफ माफिया, प्रशासन पर सवाल
खोरीबाड़ी के बुढागंज क्षेत्र में दिनदहाड़े नदियों से बड़े पैमाने पर बालू और पत्थर निकाला जा रहा है। माफिया इतने बेखौफ हैं कि करीब 20 फीट गहराई तक खुदाई कर अवैध खनन कर रहे हैं। नदी तल पर बड़े पैमाने पर डंपिंग भी की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
अवैध खनन के कारण एक के बाद एक पुल ढह रहे हैं, जबकि सैकड़ों ट्रैक्टर रोजाना इस इलाके में प्रवेश कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि खनन के कारण कृषि भूमि बर्बाद हो रही है, लेकिन प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। स्थानीय निवासियों ने लिखित शिकायतें भी दर्ज कराई हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
भाजपा और तृणमूल आमने-सामने
भाजपा खोरीबाड़ी बुढागंज मंडल के सचिव संजीत सिंह ने प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विदेशी ट्रैक्टर लाकर बिना अनुमति के अवैध खनन किया जा रहा है और सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
वहीं, इस मामले में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के सदस्य एवं तृणमूल कांग्रेस खोरीबाड़ी प्रखंड अध्यक्ष किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि प्रशासन जांच करेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का बयान
खोरीबाड़ी बीडीओ दीप्ति साव ने बताया कि भूमि विभाग को जांच के आदेश दिए गए हैं और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। बीएलआरओ प्रतिमा सुब्बा ने कहा कि डुमरिया नदी में नियमित छापेमारी की जाती है, लेकिन अधिकतर माफिया रात में खनन करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।
एसडीपीओ का बयान
दार्जिलिंग ग्रामीण एसडीपीओ नेहा जैन ने कहा कि अवैध खनन के मामलों की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा था पत्र
माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी विधायक आनंदमय बर्मन ने 11 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सिलीगुड़ी महकमा के महानंदा, बालासन, रक्ती, मेची, चेंगा सहित अन्य नदियों में हो रहे अवैध बालू खनन पर चिंता जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि माफिया जेसीबी और पॉकलिंग मशीनों का इस्तेमाल कर नदियों को खोखला कर रहे हैं और प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा। हालांकि, इतने महीनों बाद भी अवैध खनन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।