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कालिम्‍पोंग से आईएसआई का एजेंट गिरफ्तार, दुर्गोत्सव के दौरान सुरक्षा के हाई अलर्ट जारी, मिलिट्री इंटेलिजेंस सहित केंद्रीय एजेंसियां करेंगी पूछताछ।

सारस न्यूज, सिलीगुड़ी। 

दुर्गा पूजा के पहले उत्तर बंगाल के कालिम्‍पोंग जिले से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंट की गिरफ्तारी ने आतंकी खतरे की घंटी बजा दी है। इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैैं। दुर्गोत्सव के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाई अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां सुरक्षा के तगड़े इंतजाम करने में जुट गई हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि पीएफआइ और आतंकी संगठन अलकायदा के साथ भी आरोपित का संपर्क हो सकता है।

बताते चलें कि राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सिलीगुड़ी से सटे कालिम्पोंग के मुर्गाहाटि से आइएसआइ एजेंट के संदेह पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उसका नाम पीर मोहम्मद (30) बताया गया है। उसे शनिवार कालिम्पोंग जिला अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपित को 12 दिन की रिमांड पर एसटीएफ के हवाले कर दिया। आरोपित को लेकर एसटीएफ की टीम सिलीगुड़ी पहुंची है। रिमांड की अवधि के दौरान सिलीगुड़ी में ही उससे पूछताछ की जाएगी। मिलिट्री इंटेलिजेंस के साथ अन्य केंद्रीय सुरक्षा व खुफिया जांच एजेंसियां भी आरोपित से पूछताछ करेगी।

एसटीएफ की टीम ने उसके पास से मोबाइल, लैपटाप, कई सिम कार्ड और अत्याधुनिक सेटेलाइट फोन, सिलीगुड़ी, कालिम्पोंग, सिक्किम, डुवार्स आदि के मैप और कई डायरी बरामद की है। सिलीगुड़ी से सटे नेपाल और बांग्लादेश की अंतराष्ट्रीय सीमा, भारत-भूटान की सीमा, सिक्किम से सटे भारत चीन और तिब्बत की सीमा का मैप भी इसके पास से बरामद हुए हैं। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक आरोपित पीर मोहम्मद कालिम्पोंग के मुर्गाहाटी का ही निवासी है। पीएफआइ के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की मुहिम शूुरू होते ही गिरफ्तारी से बचने के लिए वह कालिम्पोंग से निकल कर देश के विभिन्न राज्यों का चक्कर काटने लगा। चार दिन पहले वह वापस लौटा ही था कि एसटीएफ ने उसे धर लिया। उसके मोबाइल से आइएसआइ के कई अधिकारियों के नंबर मिले हैं। सूत्रों के अनुसार इंटरनेट कालिंग के जरिए आरोपित आइएसआइ अधिकारियों के साथ जुड़ता था। उसके फोन को फारेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।

एसटीएफ सूत्रों की मानें तो आरोपित पीर मोहम्मद से पास से मिले फोटो और मैप को देखकर लगता है कि दुर्गा पूजा में किसी बड़े आतंकी घटना की योजना थी। वह लोगों से मेलजोल बढ़ाने के लिए कर्ज दिया करता था। रुपये लूटाकर जानकारी हासिल करने के लिए उसे पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते फंडिंग दी जाती थी। इसी कारण एक निश्चित अंतराल के बाद उसके नेपाल जाने-आने का प्रमाण एसटीएफ को मिला है। पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ पड़ोसी राज्य असम, मणिपुर और बिहार में भी आरोपित के शागिर्दों के छिपे होने की आशंका एसटीएफ को है। 

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