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ठोस सबूत के अभाव में केएलओ के दो संदिग्ध उग्रवादी को सिलीगुड़ी कोर्ट ने निशर्त दी जमानत।

सारस न्यूज टीम, सिलीगुड़ी।

पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार संदिग्ध कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) के दो उग्रवादी को अदालत ने निशर्त जमानत दे दिया है। गिरफ्तारी के 97 दिन बाद चार्जशीट पेश नहीं किये जाने और केस डायरी के अनुसार सबूतों के अभाव में अदालत ने दोनों की जमानत याचिका को मंजूर किया है। हालांकि इनके खिलाफ सबूत जुटाने में एसटीएफ कड़ी मशक्कत कर रही है।

यहां बताते चलें कि बीते 24 फरवरी की देर शाम एसटीएफ सिलीगुड़ी यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर शहर के खालपाड़ा इलाके से केएलओ के सक्रिय सदस्य के संदेह पर अविनाश राय उर्फ जैकी कोच को गिरफ्तार किया था। उसके अगले ही दिन एसटीएफ से सिलीगुड़ी महकमा के फांसीदेवा इलाके से संदिग्ध केएलओ उग्रवादी मृणाल बर्मन को गिरफ्तार किया। दोनों को अदालत से रिमांड पर लेकर की पूछताछ और इनकी निशानदेही के आधार पर बीते 9 मई को भारत-नेपाल सीमांत देबीगंज इलाके से संदिग्ध एक और केएलओ उग्रवादी धन कुमार बर्मन उर्फ स्वपन को गिरफ्तार किया।

एसटीएफ का मानना है ये तीनो केएलओ के हार्ड कोर सदस्य हैं। इन तीनो में भोली सूरत वाला धन कुमार उर्फ स्वपन ज्यादा खतरनाक है। अविनाश और मृणाल को 14 दिन की रिमांड के बाद अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मामले की जांच कर रही एसटीएफ को केस डायरी और चार्जशीट जल्द पेश करने को कहा। अदालत सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने केस डायरी तो दाखिल किया लेकिन जांच पूरी नहीं होने का हवाला देकर चार्जशीट के लिए अदालत से कुछ और वक़्त मांगा है। न्यायिक हिरासत की मियाद पूरी होने और शनिवार आरोपित अविनाश राय और मृणाल बर्मन को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया। केस डायरी के अनुसार ठोस सबूत के अभाव में अदालत ने दो हज़ार के बेल बॉन्ड पर दोनों की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। बचाव पक्ष का कहना है कि केएलओ से जुड़े होने और फंड जुटाने जैसे आरोप से संबंधित कोई भी सबूत एसटीएफ अदालत में पेश नहीं कर सकी है।


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