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दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे ने ट्वाय ट्रेन का डीजल इंजन बनाने हेतु रेलवे बोर्ड से मांगी अनुमति, इस वर्ष घूम फेस्टिवल को नेशनल इवेंट बनाने को ले ट्वाय ट्रेन की संख्‍या बढ़ाने की हो रही है पहल।

सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) ने नैरो गेज डीजल लोकोमोटिव यानी ट्वाय ट्रेन का डीजल इंजन तैयार करने की पहल की है ताकि आगामी घूम फेस्टिवल के दौरान घूम-दार्जिलिंग-घूम के लिए ट्वाय ट्रेन की संख्‍या बढ़ाई जा सके। तीनधरिया स्थित डीएचआर वर्कशाप में नैरो गेज डीजल लोकोमोटिव के निर्माण के लिए एनएफ रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर अनुमति मांगी है। उक्त जानकारी एनएफ रेलवे कटिहार डिवीजन के डीआरएम एसके चौधरी ने दी हैं। उन्होंने मंगलवार को डीएचआर के 142 वर्ष पूरे होने के मौके पर तीनधरिया में डीएचआर लवर्स सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आने के दौरान सिलीगुड़ी जंक्शन में उक्त जानकारी दी।

ट्वाय ट्रेन की संख्‍या बढ़ाने में मिलेगी मदद:-

डीआरएम एसके चौधरी ने कहा कि डीएचआर के तहत चलाई जाने वाली यूनेस्को वर्ल्‍ड हेरिटेज दर्जा प्राप्त विश्व प्रसिद्ध ट्वाय ट्रेन की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीनधरिया स्थित डीएचआर वर्कशाप का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। तीनधरिया वर्कशाप में फिलहाल स्टीम लोकोमोटिव का मेंटिनेंस किया जाता है। हालांकि यहां पर अब नैरो गेज डीजल लोकोमोटिव के निर्माण करने की क्षमता हो गई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही रेलवे बोर्ड से अनुमति मिलती है, इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नैरो गेज डीजल लोकोमोटिव की कमी पूरी होने के बाद जरूरत के हिसाब एनजेपी-दार्जिलिंग ट्वाय ट्रेन सेवा की संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

12 नवंबर से चार दिसंबर तक घूम फेस्टिवल का आयोजन:-

डीआरएम एसके चौधरी ने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी घूम के डीएचआर स्टेशन पर 12 नवंबर से लेकर चार दिसंबर तक घूम फेस्टिवल का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष घूम फेस्टिवल काफी सफल रहा है। इस बार नेशनल इवेंट के तौर पर बड़े स्तर पर इसका आयोजन किया जाएगा। डीआरएम एसके चौधरी ने कहा कि त्योहारी सीजन में अधिक से अधिक पर्यटक ट्वाय ट्रेन का लुत्फ उठा सकें, इसे देखते हुए इस घूम-दार्जिलिंग-घूम के बीच 16 ज्वाय राइड ट्वाय ट्रेन चलाने की योजना है। फिलहाल इस रूट पर 12 ज्वाय राइड सेवा परिचालित हो रही है।

डीएचआर के पूरे हुए 142 वर्ष:-

दूसरी ओर दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के 142 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर बीते मंगलवार को तीनधरिया में डीएचआर लवर्स सोसायटी द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित एनएफ रेलवे कटिहार डिवीजन के डीआरएम एसके चौधरी व डीएचआर के निदेशक एके मिश्र समेत अन्य अधिकारियों ने केक काटा, साथ ही तिनहारी रेलवे स्टेशन से तीनधारी वर्कशाप तक लगभग 500 मीटर तक एक स्टीम इंजन को स्मृति चिन्ह के रूप में चलाया गया। डीएचआर के निदेशक अरविंद मिश्रा ने बताया कि हमने मंगलवार डीएचआर की 142वीं वर्षगांठ मनाई। बताया गया कि पहला डीएचआर 23 अगस्त 1880 में सिलीगुड़ी जंक्शन से कर्सियांग तक चलाया गया था। वहीं डीएचआर को 1999 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्‍ड हेरिटेज यानी विश्व धरोहर का दर्जा दिया।





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