देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए डायरेक्ट्रेट जनरल आफ सिविल एविएशन की ओर से एयरपोर्ट व विमान में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। बागडोगरा एयरपोर्ट में भी सभी यात्रियों व एयरपोर्ट के सभी कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में धीरे- धीरे फिर से मास्क का दौर लौटने के संकेत मिलने लगे हैं। देश कोरोना महामारी की तीन लहरों का सामना कर चुका है। नए वेरियंट के साथ चौथी लहर का खतरा मंडराने लगा है। हर दिन देश में कोरोना के पांच हजार मामले सामने आ रहे हैं, जबकि औसतन सात मरीजों की मौत हो रही है। मौत की घटनाएं डराने वाली हैं।
कहा जा रहा है कि नए वैरिएंट सेे बचने के लिए मास्क का उपयोग व जागरुकता ही एकमात्र उपाय है। कोरोना वायरस के मामले कम होने के साथ ही देश में मास्क का चलन कम हो चुका है। एक तरह से कहें तो लोग मास्क को उपयोग में लाना ही भूल चुके हैं। स्कूल, बाजार, चौक चौराहों व सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क के सब कुछ चल रहा है। हालत यह है कि प्रति 100 में महज 5 व्यक्ति ही मास्क के साथ नजर आ रहे हैं। दरअसल लोगों को यह लग रहा है कि कोविड का खतरा टल गया है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। विगत एक सप्ताह के आंकड़े देखे तो साफ पता चलता है कि कोरोना के संक्रमण के खतरे दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जा रहे हैं। देश में एक बार फिर से मामले बढऩे लगे हैं। विशेषज्ञों ने जून महीने में संक्रमण बढऩे की बात कही थी और इसका असर दिखने भी लगा है।
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर व विशेषज्ञ कल्याण खान कहते हैं कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। जागरुकता जरुरी है। वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज जरुर लें व सार्वजनिक जगहों पर मास्क जरूर पहनें। यह हमें बचाव देता है। कोविड के नए वेरिएंट को लेकर डरने की बजाय जागरूक होने में भलाई है। जागरूक होकर इससे लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक कठिन दौर है, जिससे हमें लंबी लड़ाई लड़नी है।
सारस न्युज, सिलीगुड़ी।
देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए डायरेक्ट्रेट जनरल आफ सिविल एविएशन की ओर से एयरपोर्ट व विमान में मास्क अनिवार्य कर दिया गया है। बागडोगरा एयरपोर्ट में भी सभी यात्रियों व एयरपोर्ट के सभी कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में धीरे- धीरे फिर से मास्क का दौर लौटने के संकेत मिलने लगे हैं। देश कोरोना महामारी की तीन लहरों का सामना कर चुका है। नए वेरियंट के साथ चौथी लहर का खतरा मंडराने लगा है। हर दिन देश में कोरोना के पांच हजार मामले सामने आ रहे हैं, जबकि औसतन सात मरीजों की मौत हो रही है। मौत की घटनाएं डराने वाली हैं।
कहा जा रहा है कि नए वैरिएंट सेे बचने के लिए मास्क का उपयोग व जागरुकता ही एकमात्र उपाय है। कोरोना वायरस के मामले कम होने के साथ ही देश में मास्क का चलन कम हो चुका है। एक तरह से कहें तो लोग मास्क को उपयोग में लाना ही भूल चुके हैं। स्कूल, बाजार, चौक चौराहों व सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क के सब कुछ चल रहा है। हालत यह है कि प्रति 100 में महज 5 व्यक्ति ही मास्क के साथ नजर आ रहे हैं। दरअसल लोगों को यह लग रहा है कि कोविड का खतरा टल गया है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। विगत एक सप्ताह के आंकड़े देखे तो साफ पता चलता है कि कोरोना के संक्रमण के खतरे दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जा रहे हैं। देश में एक बार फिर से मामले बढऩे लगे हैं। विशेषज्ञों ने जून महीने में संक्रमण बढऩे की बात कही थी और इसका असर दिखने भी लगा है।
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर व विशेषज्ञ कल्याण खान कहते हैं कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। जागरुकता जरुरी है। वैक्सीन का प्रिकॉशन डोज जरुर लें व सार्वजनिक जगहों पर मास्क जरूर पहनें। यह हमें बचाव देता है। कोविड के नए वेरिएंट को लेकर डरने की बजाय जागरूक होने में भलाई है। जागरूक होकर इससे लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक कठिन दौर है, जिससे हमें लंबी लड़ाई लड़नी है।
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