विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत के सिलीगुड़ी से नेपाल के झापा जिला चाराली तक पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाने के लिए भारत और नेपाल के बीच गुरुवार को समझौता हुआ है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की भारत यात्रा के दौरान, नेपाल में दो पेट्रोलियम पाइपलाइनों और तीन पेट्रोलियम भंडारण परियोजनाओं के निर्माण के लिए एक समझौता किया गया है। नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री रमेश रिजाल और उनके समकक्ष हरदीप सिंह पुरी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
समझौते के अनुसार, सिलीगुड़ी से नेपाल झापा जिला के चाराली तक पेट्रोलियम पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा और झापा के चाराली में पेट्रोलियम भंडारण डिपो भी बनाया जाएगा। साथ ही अमलेखगंज तक मौजूदा पेट्रोलियम पाइपलाइन को चितवन के लोथर तक बढ़ाया जाएगा। बताया जा रहा है कि इन तीनों परियोजनाओं में नेपाली मूल्य करीब 17 अरब रुपये से अधिक का निवेश होगा। समझौता ज्ञापन पर नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। बताते चलें कि दक्षिण एशिया की पहली अंतरराष्ट्रीय भारत-नेपाल पेट्रोलियम पाइपलाइन का विस्तार सन 2020 में ही कर दिया गया था। मगर अभी तक नेपाल में इसके जरिए पेट्रोल का भारत से निर्यात संभव नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार मोतिहारी से अमलेखगंज तक, भारत और नेपाल के संयुक्त निवेश से अंतरराष्ट्रीय भारत-नेपाल पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाई गई है। पाइपलाइन की कुल लंबाई 69.2 किलोमीटर है। उसमें से 36.2 किलोमीटर पाइपलाइन नेपाल भाग में है।
प्रचंड के भारत दौरे में पाइपलाइन विस्तार की रखी गई आधारशिला:
सन 2020 में, नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से मोतिहारी से अमलेखगंज पाइपलाइन का उद्घाटन किया था। उस समय इस पाइपलाइन के माध्यम से नियमित रूप से डीजल का निर्यात किया जाता था, लेकिन पेट्रोल का निर्यात संभव नही हुआ। हालाँकि, प्रचंड के वर्तमान में भारत दौरे में संयुक्त रूप से पाइपलाइन विस्तार की आधारशिला रखी गई है, और प्रचंड और मोदी की उपस्थिति में, उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री रमेश रिजाल और उनके समकक्ष हरदीप सिंह पुरी ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
पेट्रोलियम पाइपलाइन लोथर तक विस्तारित करने पर भी हुआ समझौता:
भारत के मोतिहारी से अमलेखगंज तक चलने वाली पेट्रोलियम पाइपलाइन को चितवन के लोथर तक बढ़ाया जाएगा। मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन को पूरा करने के बाद, नेपाल और भारत के बीच इसे चितवन में लोथर तक विस्तारित करने के लिए एक समझौता भी हुआ है। नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन ने अमलेखगंज-लोथर पेट्रोलियम पाइपलाइन का व्यवहार्यता अध्ययन पहले ही पूरा कर लिया है और पहले चरण पर काम कर रहा है। जिसमें डीपीआर तैयार किया जा रहा है। लोथर में 01 लाख किलोलीटर पेट्रोलियम उत्पादों की भंडारण क्षमता का निर्माण किया जा रहा है। पेट्रोलियम उत्पादों की भंडारण क्षमता बढ़ाकर नेपाल तेल निगम 90 दिनों तक भंडारण करने के लिए भंडारण स्थलों का निर्माण करेगा।