सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 41वीं वाहिनी रानीडंगा के “बी” समवाय, भातगांव द्वारा बुधवार को एक व्यापक बाढ़ राहत एवं बचाव मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में सभी बीओपी कमांडर्स और जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी और समन्वय का परीक्षण करना था।

ऑप्स मैन्युअल में वर्णित ऑपरेशनल तैयारी
बाढ़ की स्थिति में क्या करें और क्या न करें
कार्य की प्राथमिकता निर्धारण और संचार योजना
सीपीआर क्या है, कब और कैसे देना चाहिए
लाइफ जैकेट्स की जानकारी और उपयोग विधि
कमांडर और जवानों की जिम्मेदारियों का विभाजन
संभावित सुरक्षित ज़ोन (एबीसी) की पहचान
आपातकालीन स्थिति में मूवमेंट प्लान
सुरक्षित क्षेत्रों की चारों ओर से सुरक्षा व्यवस्था
बाढ़ समाप्ति के बाद बीओपी पर वापसी के दौरान क्या करें और क्या न करें
इस अभ्यास के माध्यम से बल के जवानों ने अपनी आपदा प्रबंधन क्षमता, सजगता और समन्वय का प्रदर्शन किया। यह पहल एसएसबी की सीमा क्षेत्रों और आस-पास के नागरिकों की सुरक्षा और आपदा से निपटने की तत्परता को प्रदर्शित करती है।