ग्रामीण सड़कों पर बालू लदे ट्रैक्टरों के अधिक आवाजाही के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला खोरीबाड़ी- बुढ़ागंज ग्राम पंचायत अंतर्गत दीवानभिट्ठा इलाके की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह से शाम तक सैकड़ों ट्रैक्टर ग्रामीण सड़कों पर भाग दौड़ कर रहे हैं। इसलिए ट्रैक्टर रोककर विरोध प्रदर्शन किया।
जिस प्रकार से ग्रामीण सड़कों पर ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार से चल रही है स्थानीय लोग भी दहशत में हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि ट्रैक्टरों को सीमित गति से चलाया जाए अन्यथा हम फिर से वी सड़क जाम कर देंगे। हालांकि करीब एक घंटे बाद जब ट्रैक्टर मालिकों और चालकों ने आश्वासन दिया तो स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन हटा लिया।
स्थानीय निवासी नीला गोस्वामी ने कहा कि, प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक बालू लदे ट्रैक्टर अवैध रूप से चलते हैं, अगर किसी तरह की दुर्घटना हो गयी तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।पहले भी कोई बार बालू लदे ट्रैक्टरों को भी रोका गया था। हम लोग चाहते हैं कि कुछ लोकल ट्रैक्टर चलने देते है लेकिन जो बाहर का ट्रैक्टर डंप कर रहे हैं हम उनके ट्रैक्टर नहीं चलने देंगे। स्थानीय पंचायत सदस्य संजीत सिंह ने पूरे मामले में प्रशासन पर उंगली उठाई है। डुमुरिया के बालू पत्थरों को ले जाकर बाहर भंडारण किया जा रहा है, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस बालू माफियाओं की आड़ में सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों के ट्रैक्टरों को जब्त कर रही है। संयोग से डुमुरिया नदी से अवैध रूप से बालू-पत्थर निकाला जा रहा है, कुछ बालू माफिया प्रशासन से बचने के लिए ग्रामीण सड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
ग्रामीण सड़कों पर बालू लदे ट्रैक्टरों के अधिक आवाजाही के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला खोरीबाड़ी- बुढ़ागंज ग्राम पंचायत अंतर्गत दीवानभिट्ठा इलाके की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह से शाम तक सैकड़ों ट्रैक्टर ग्रामीण सड़कों पर भाग दौड़ कर रहे हैं। इसलिए ट्रैक्टर रोककर विरोध प्रदर्शन किया।
जिस प्रकार से ग्रामीण सड़कों पर ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार से चल रही है स्थानीय लोग भी दहशत में हैं। स्थानीय लोगों की मांग है कि ट्रैक्टरों को सीमित गति से चलाया जाए अन्यथा हम फिर से वी सड़क जाम कर देंगे। हालांकि करीब एक घंटे बाद जब ट्रैक्टर मालिकों और चालकों ने आश्वासन दिया तो स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन हटा लिया।
स्थानीय निवासी नीला गोस्वामी ने कहा कि, प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक बालू लदे ट्रैक्टर अवैध रूप से चलते हैं, अगर किसी तरह की दुर्घटना हो गयी तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।पहले भी कोई बार बालू लदे ट्रैक्टरों को भी रोका गया था। हम लोग चाहते हैं कि कुछ लोकल ट्रैक्टर चलने देते है लेकिन जो बाहर का ट्रैक्टर डंप कर रहे हैं हम उनके ट्रैक्टर नहीं चलने देंगे। स्थानीय पंचायत सदस्य संजीत सिंह ने पूरे मामले में प्रशासन पर उंगली उठाई है। डुमुरिया के बालू पत्थरों को ले जाकर बाहर भंडारण किया जा रहा है, उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस बालू माफियाओं की आड़ में सिर्फ दिहाड़ी मजदूरों के ट्रैक्टरों को जब्त कर रही है। संयोग से डुमुरिया नदी से अवैध रूप से बालू-पत्थर निकाला जा रहा है, कुछ बालू माफिया प्रशासन से बचने के लिए ग्रामीण सड़कों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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