बीआर, एसके व डीएल नंबर की वाहनों को बिना वजह रोककर करते हैं परेशान।
चंदन मंडल, सिलीगुड़ी: मेरा मुल्क, मेरा देश, मेरा ये वतन शांति का, उन्नति का, प्यार का चमन…… दिलजले (अजय देवगन की फिल्म) का यह गाना हर भारतवासियों के जुबां पर है। यह गाना जुबां पर आते ही हर भारतवासियों को गर्व होता है कि हम भारत के रहने वाले हैं, न बंगाल, न बिहार, न दिल्ली, न आसाम बस हम भारत के रहने वाले हैं। फिर भी भारत के होकर एक राज्य के दूसरे राज्य से सौतेलेपन की तरह व्यवहार करना कहां तक उचित है? यह कहानी है सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस और अन्य राज्य के वाहन चालकों की। जी हां सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस बिहार , दिल्ली, सिक्किम आदि राज्यों के वाहन चालकों से सौतेलापन की तरह व्यवहार करती है। सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस जहां सिलीगुड़ी में बीआर , एसके व डीएल नंबर की वाहन जैसे प्रवेश करते है,वैसे ही इन वाहनों को रुकवाकर परेशान करती है और बिना वजह के ट्रैफिक पुलिस इन वाहन चालकों से सौतेलापन की तरह व्यवहार करने लगती है। वाहनों के सभी पेपर रहने के बाद भी वाहन चालकों से रूपये ऐंठने के फिराक में रहते हैं। डीएल नंबर (दिल्ली नंबर) की वाहन चालक कक्कू नामक व्यक्ति ने बताया कि उनका गाड़ी का सारा कागज है और न ही कोई कागज फेल है। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस बिना वजह के रोककर परेशान करती है। उन्होंने बताया एक दिन सिलीगुड़ी स्थित सेवक मोड़ पर ग्रीन सिग्नल था लेकिन जैसे ही वे अपना वाहन लेकर क्रॉस कर रहा था,वो रेड सिग्नल हो गया। इस दौरान मेरा वाहन को एक साइड में रुकवा दिया और बिना वजह के परेशान और रूपये की मांग करने लगे और बाद में चालान काटे जाने की धमकी देने लगे। इसके अलावा दार्जिलिंग मोड़, सिलीगुड़ी जंक्शन, एयरव्यू मोड़, सेवक रोड, विधान रोड आदि जगहों पर कागज सब होने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस बिना वजह के परेशान करती है। वहीं बीआर (बिहार नंबर) की वाहन चालक अमित कुमार राय ने बताया कि बंगाल ट्रैफिक पुलिस को बिहार नंबर के गाड़ियों से लगता है दुश्मनी है। इसलिए जैसे ही ट्रैफिक पुलिस बीआर नंबर की वाहन देखता है। सौतेलापन की तरह व्यवहार करने लगता है। साथ ही रूपये ऐंठने का हमेशा फिराक में रहती है ये ठीक नहीं है।
वही एसके (सिक्किम नंबर) की एक वाहन चालक ने बताया सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस वाहन जांच करती है अच्छी बात है। लेकिन बिना मतलब के एसके नंबर की वाहन को रुकवाकर परेशान करती है। उन्होंने कहा प्रशासन अपना काम करें इसमें हम वाहन चालकों को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बिना मतलब के परेशान करना, ये तो गलत है। वही इस संबध में सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी बीसी ठाकुर से फोन पर बात करने पर उन्होंने कहा कि देखिए बिना वजह बीआर, एसके व डीएल नंबर की वाहनों को परेशान नहीं किया जाता है और ऐसा कुछ नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो वाहन चालकों द्वारा शिकायत की जायेगी, तो विभागीय कार्रवाई की भी जरूर की जायेगी।
बीआर, एसके व डीएल नंबर की वाहनों को बिना वजह रोककर करते हैं परेशान।
चंदन मंडल, सिलीगुड़ी: मेरा मुल्क, मेरा देश, मेरा ये वतन शांति का, उन्नति का, प्यार का चमन…… दिलजले (अजय देवगन की फिल्म) का यह गाना हर भारतवासियों के जुबां पर है। यह गाना जुबां पर आते ही हर भारतवासियों को गर्व होता है कि हम भारत के रहने वाले हैं, न बंगाल, न बिहार, न दिल्ली, न आसाम बस हम भारत के रहने वाले हैं। फिर भी भारत के होकर एक राज्य के दूसरे राज्य से सौतेलेपन की तरह व्यवहार करना कहां तक उचित है? यह कहानी है सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस और अन्य राज्य के वाहन चालकों की। जी हां सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस बिहार , दिल्ली, सिक्किम आदि राज्यों के वाहन चालकों से सौतेलापन की तरह व्यवहार करती है। सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस जहां सिलीगुड़ी में बीआर , एसके व डीएल नंबर की वाहन जैसे प्रवेश करते है,वैसे ही इन वाहनों को रुकवाकर परेशान करती है और बिना वजह के ट्रैफिक पुलिस इन वाहन चालकों से सौतेलापन की तरह व्यवहार करने लगती है। वाहनों के सभी पेपर रहने के बाद भी वाहन चालकों से रूपये ऐंठने के फिराक में रहते हैं। डीएल नंबर (दिल्ली नंबर) की वाहन चालक कक्कू नामक व्यक्ति ने बताया कि उनका गाड़ी का सारा कागज है और न ही कोई कागज फेल है। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस बिना वजह के रोककर परेशान करती है। उन्होंने बताया एक दिन सिलीगुड़ी स्थित सेवक मोड़ पर ग्रीन सिग्नल था लेकिन जैसे ही वे अपना वाहन लेकर क्रॉस कर रहा था,वो रेड सिग्नल हो गया। इस दौरान मेरा वाहन को एक साइड में रुकवा दिया और बिना वजह के परेशान और रूपये की मांग करने लगे और बाद में चालान काटे जाने की धमकी देने लगे। इसके अलावा दार्जिलिंग मोड़, सिलीगुड़ी जंक्शन, एयरव्यू मोड़, सेवक रोड, विधान रोड आदि जगहों पर कागज सब होने के बावजूद ट्रैफिक पुलिस बिना वजह के परेशान करती है। वहीं बीआर (बिहार नंबर) की वाहन चालक अमित कुमार राय ने बताया कि बंगाल ट्रैफिक पुलिस को बिहार नंबर के गाड़ियों से लगता है दुश्मनी है। इसलिए जैसे ही ट्रैफिक पुलिस बीआर नंबर की वाहन देखता है। सौतेलापन की तरह व्यवहार करने लगता है। साथ ही रूपये ऐंठने का हमेशा फिराक में रहती है ये ठीक नहीं है।
वही एसके (सिक्किम नंबर) की एक वाहन चालक ने बताया सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस वाहन जांच करती है अच्छी बात है। लेकिन बिना मतलब के एसके नंबर की वाहन को रुकवाकर परेशान करती है। उन्होंने कहा प्रशासन अपना काम करें इसमें हम वाहन चालकों को कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बिना मतलब के परेशान करना, ये तो गलत है। वही इस संबध में सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी बीसी ठाकुर से फोन पर बात करने पर उन्होंने कहा कि देखिए बिना वजह बीआर, एसके व डीएल नंबर की वाहनों को परेशान नहीं किया जाता है और ऐसा कुछ नहीं है। अगर ऐसा हो रहा है तो वाहन चालकों द्वारा शिकायत की जायेगी, तो विभागीय कार्रवाई की भी जरूर की जायेगी।
Leave a Reply