सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी से बालू खनन कर बॉर्डर के रास्ते ट्रैक्टर ले जाए जा रहे थे। इसी को लेकर एसएसबी ने आपत्ति जताई है। आरोप है कि खोरीबाड़ी इलाके में पानीटंकी से सटी मेची नदी में बॉर्डर ज़ीरो प्वाइंट पिलर के पास रेत और पत्थर की अवैध खुदाई जारी है। इसी वजह से दो बॉर्डर पिलर पहले ही नदी के बहाव में डूब चुके हैं, जिससे भविष्य में बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनंतराम छठ घाट पर रोज़ाना लगभग 60 ट्रैक्टर बालू और पत्थर निकालने के लिए लीज पर काम करते हैं। अधिक मुनाफा कमाने के लिए तय क्षेत्र से बाहर जाकर नदी के अंदर तक खुदाई की जा रही है। इसके कारण नदी का प्राकृतिक प्रवाह बदल रहा है और बॉर्डर पिलर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
बॉर्डर सुरक्षा में बाधा पहुंचने की आशंका से एसएसबी ने ट्रैक्टरों को बॉर्डर रास्ते से गुजरने पर रोक लगा दी। हालांकि ट्रैक्टर यूनियन के सदस्य रवींद्र बर्मन ने दावा किया कि उनका कोई भी ट्रैक्टर बॉर्डर के पास से नहीं गुजरता।
दूसरी ओर, रानीगंज–पानीशाली ग्राम पंचायत की प्रधान सांत्वना सिंह ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और बॉर्डर सुरक्षा के मामले में कोई जोखिम नहीं लिया जाएगा। स्थानीय लोगों की भी मांग है कि प्रशासन और एसएसबी मेची नदी के कटाव, बॉर्डर पिलर के धँसने और अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखें।
इस संबंध में एसएसबी के एक अधिकारी ने बताया कि बालू खनन करने वाले ट्रैक्टर किसी और मार्ग से जा रहे थे, जिससे आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति में एसएसबी सहित सीमावर्ती इलाकों के लिए खतरा बढ़ सकता था। इसी कारण उन्हें बॉर्डर मार्ग से जाने से रोका गया।
