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ढाई सौ वर्ष तक भारत पर हुकूमत करने वाले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak). सारस न्यूज़ पर पढ़िए इससे संबंधित हर एक बात।

राजीव कुमार, वेब डेस्क, सारस न्यूज़।

पीएम पद की रेस में आगे रहने की खबर सारस न्यूज़ में प्रकाशित की गयी थी हालाकिं उस समय अंतिम दौर में वे लीज़ ट्रस से पिछड़ गए थे और लीज़ ट्रस ब्रिटैन की प्रधानमंत्री बनी थी।

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने पिछले गुरुवार को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट के सामने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जिस मैन्डेट के तहत उनका चुनाव हुआ था उसे वो पूरा नहीं कर सकेंगी। लिज़ ट्रस का इस्तीफ़ा गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पद छोड़ने और कंज़र्वेटिव पार्टी के सांसदों के बग़ावत के बाद हुआ था। 20 अक्तूबर 2022 को ट्रस ने पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा दे दिया और 24 अक्तूबर 2022 को चार साल में चौथी बार कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता चुना गया। इसी से ऋषि सुनक के पीएम बनने का रास्ता साफ़ हो गया।

प्रधानमंत्री पद के नाम के एलान के बाद सुनक ने पार्टी के नेताओं के सामने अपना पहला भाषण दिया। उन्होंने सबसे पहले लिज़ ट्रस को “देश और दुनिया की मुश्किल परिस्थितियों में उनके नेतृत्व” के लिए शुक्रिया कहा। ऋषि सुनक ने कहा कि सांसदों के समर्थन से वो “विनम्र और सम्मानित” महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं जिस पार्टी से प्यार करता हूं, उसकी सेवा करना और अपने देश को कुछ वापस दे पाना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है” उन्होंने ये भी कहा, “मैं वादा करता हूं कि मैं पूरी ईमानदारी और विनम्रता से सेवा करूंगा और वो दिन रात “ब्रितानी लोगों के लिए” काम करते रहेंगे।

नए ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) के सामने कई मुश्किल चुनौतियां और सवाल होंगे।

इनमें सबसे मुश्किल है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति। ब्रिटेन ग़रीब देश होता जा रहा है और देश की जनता इसे महसूस कर रही है- या एक कैबिनेट मंत्री के शब्दों में कहें तो, “हमारे सामने वो सब समस्याएं हैं जो पहले से थीं और अब आर्थिक संकट भी है.” अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री रहीं लिज़ ट्रस के प्रशासन ने जो मुश्किल हालात पैदा किए हैं उन्होंने कंज़र्वेटिव पार्टी को संकट में डाल दिया है. उनके फ़ैसले, और फिर उनसे पीछे हटने की वजह से ब्रिटेन को वित्तीय बाज़ार के हाथों क्रूर व्यवहार सहने के लिए मजबूर कर दिया।

नए ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) का करियर

उन्होंने 2015 में, 35 साल की उम्र में, पहली बार संसद का चुनाव जीता। केवल सात वर्षों में वो आज प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वे भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। ऋषि सुनक ने अक्षता मूर्ति से साल 2009 में शादी की थी।

ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है।

2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे। वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं। उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं। भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे। अपनी वेबसाइट पर ऋषि लिखते हैं, “मेरे माता-पिता ने बहुत त्याग किया ताकि मैं अच्छे स्कूलों में जा सकूं. मैं भाग्यशाली था कि मुझे विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौक़ा मिला.”

ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन की सबसे अमीर महिलाओं की सूचि में शामिल हैं। भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे।

राजनीति में आने से पहले इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया। 1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई। इसके बाद वो ऑक्सफ़ोर्ड पढ़ाई के लिए गए, जहाँ उन्होंने दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी राजनेताओं के लिए ये सबसे आज़माया हुआ और विश्वसनीय रास्ता है। ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं। सुनक ने यूरोपियन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया था। जुलाई 2019 में जॉनसन ने सुनक को वित्त मंत्रालय सौंपा था. इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे। ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है। उन्होंने कहा था, “मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूँ। मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे.” अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे।

ऋषि सुनक के पीएम चुने जाने पर उनके ससुर नारायण मूर्ति ने क्या कहा?

इस घोषणा के बाद न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने उनके ससुर और इंफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति से बात की.

एएनआई से बातचीत में नारायण मूर्ति ने कहा, “ऋषि को बधाई. हमें उन पर गर्व है और हम उन्हें इस कामयाबी पर बधाई देते हैं. हमें पूरा यक़ीन है कि वह ब्रिटेन के लोगों के लिए सबसे बेहतर करेंगे.”

इंफ़ोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषि सुनक को बधाई देते हुए ट्वीट किया है –

ब्रिटेन और भारत ने व्यापार से लेकर निवेश और तकनीकी साझेदारी से जुड़े मुद्दों पर ‘रोडमैप 2030’ के नाम से एक समझौता किया है, इसके साथ ही भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, ”अब जब हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक साझेदारी में बदल रहे हैं तो इस मौक़े पर ब्रितानी भारतीयों को दीवाली की विशेष शुभकामनाएं.”

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