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रात व दिनभर बारिश से सैकड़ों लोगों के घरों में हुआ पानी पानी, चूल्हे पड़े रहे ठंडे।

चंदन मंडल, सारस न्यूज, खोरीबाड़ी।

डांगुजोत के ग्रामीणों ने बांध निर्माण की मांग की

सोमवार की रातभर व मंगलवार दिनभर की हो रही जोरदार बारिश ने खोरीबाड़ी में हाहाकार मचा दिया। वहीं नेपाल के तराई में हो रही भारी बारिश के कारण भारत-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नदी का जलस्तर बढ़ने से दार्जिलिंग जिले के अंतिम छोड़ डांगुजोत इलाके के सैकड़ों परिवार बाढ़ की चपेट में है, हालांकि मेची नदी का जलस्तर घट गया है। इसके बाद भी बाढ़ बीती रात से हो रही तेज बारिश से सैकड़ों लोगों की समस्या गंभीर बनी हुई हैैं।

आवागमन की समस्या के साथ ही जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ तथा बारिश से डांगुजोत गांव सर्वाधिक प्रभावित है। यहां सैकडों परिवार बाढ़ के पानी से भी घिरे हुए हैैं। सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। इससे लोग ऊंची स्थान पर शरण ले रहे हैैं। शंभु साह, संतोष महतो, देवकुमार महतो आदि ने बताया कि रात भर बारिश से डांगुजोत इलाके के लोगों का अनाज, जलावन, कपड़े आदि खराब हो गए। किसी तरह प्राण की रक्षा कर रहे हैं। मवेशियों की सुरक्षा करना भी कठिन हो रहा है। उनके खाने का दाना-चोकर पानी में डूब गया। घरों में पानी भरा होने से ग्रामीणों के चूल्हे ठंडे पड़े रहे। लोग सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया गया है। वहीं नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को 2017 में आए जैसे बाढ़ का खतरा का भय सताने लगा है। इसके साथ ही बारिश की वजह से मेची नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण उन सबकी भय की आशंकाएं भी बढ़ गयी है। जलस्तर बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों के लोगों के रात की नींद गायब हो गई है। जलजमाव के कारण लोगों को सड़कों पर आवागमन करने में परेशानी हो रही है। वहीं दूसरी ओर सोमवार की रात से मंगलवार को दिनभर बारिश से खोरीबाड़ी प्रखंड के रामधन जो, दुलालजोत, दूधगेट सहित विभिन्न इलाके जलमग्न हो गया है। खोरीबाड़ी प्रखंड के बतासी शुकारुजोत, बूथसिंह जोत, भजनपुर, चक्करमारी, अमरसिंह जोत, गायनजोत, सिंघयाजोत, विवेकानंद पल्ली सहित और भी कई गांव बरसात का पानी घुस गया। लेकिन प्रशासन की ओर कुछ भी व्यवस्था नहीं की गई है। चक्करमारी के नीरेंन चंद्र बर्मन ने बताया कि बाढ़ व बारिश से चक्करमारी के विभिन्न इलाकों के किसानों को 100 एकड़ में लगी धान की फसल, परवल, खीरा बर्बाद हुआ है। जिससे लाखों रुपये का किसानों का नुकसान हुआ है।

बांध नहीं होने से प्रवेश करता है नदी का पानी:

डांगुजोत के स्थानीय लोगों ने बताया कि बांध की व्यवस्था नहीं होने से मेची नदी का पानी गांव में प्रवेश कर जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया मेची नदी का रौद्र रूप हर वर्ष देखने को मिलता है और प्रत्येक वर्ष हमलोगों के घरों में मेची नदी का पानी प्रवेश कर जाता है। साथ ही प्रत्येक वर्ष बरसात के दिनों में हम लोगों का चूल्हा भी ठंडा पड़ा हुआ रहता है। जिसके कारण हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद प्रशासन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जिससे सैकड़ों परिवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डांगुजोत के ग्रामीणों ने बाढ़ से बचने के लिए बांध निर्माण की मांग की है, ताकि मेची नदी का पानी को डांगुजोत में प्रवेश से रोका जा सकें।

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