बहुमंजिला इमारत में अवैध निर्माण के आरोप को लेकर नगर निगम को बार-बार शिकायत मिल रही थी। शनिवार को भी ‘मेयर के बोलो’ कार्यक्रम में शिकायते मिली। इसके बाद सोमवार को नगर निगम ने 10 नंबर वार्ड अंतर्गत केसी दे रोड पर बहुमंजिला इमारत में अवैध निर्माण को तोड़ दिया। नगर निगम को सिलीगुड़ी शहर में विभिन्न जगहों पर अवैध निर्माण की शिकायते मिल रही है। पिछले कुछ महीनों में कई अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है।
शनिवार को मेयर गौतम देव को फोन कर 10 नंबर वार्ड के निवासी ने शिकायत की वहां एक बहुमंजिला में अवैध निर्माण चल रहा है। जिसके बाद मेयर ने कहा कि प्रबंधन को कई नोटिस दिए गए हैं। सोमवार को जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को तोड़ा गया। मेयर के निर्देशानुसार नगर निगम के इंजीनियर व कर्मचारी सोमवार सुबह वहां पहुंचे। दोहपर 12 बजे से अवैध निर्माण को तोड़ने का काम शुरू हुआ। सोमवार बहुमंजिला इमारत के बाहर लगे टीन शेड और ऊपरी मंजिल पर बने अवैध निर्माण को तोड़ा गया। हालांकि, बहुमंजिला इमारत के मालिक तारकेश्वर गुप्ता ने कहा कि नगर निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया। मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। नगर निगम के कमिश्नर को सूचित करने के बाद भी निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
बहुमंजिला इमारत में अवैध निर्माण के आरोप को लेकर नगर निगम को बार-बार शिकायत मिल रही थी। शनिवार को भी ‘मेयर के बोलो’ कार्यक्रम में शिकायते मिली। इसके बाद सोमवार को नगर निगम ने 10 नंबर वार्ड अंतर्गत केसी दे रोड पर बहुमंजिला इमारत में अवैध निर्माण को तोड़ दिया। नगर निगम को सिलीगुड़ी शहर में विभिन्न जगहों पर अवैध निर्माण की शिकायते मिल रही है। पिछले कुछ महीनों में कई अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है।
शनिवार को मेयर गौतम देव को फोन कर 10 नंबर वार्ड के निवासी ने शिकायत की वहां एक बहुमंजिला में अवैध निर्माण चल रहा है। जिसके बाद मेयर ने कहा कि प्रबंधन को कई नोटिस दिए गए हैं। सोमवार को जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को तोड़ा गया। मेयर के निर्देशानुसार नगर निगम के इंजीनियर व कर्मचारी सोमवार सुबह वहां पहुंचे। दोहपर 12 बजे से अवैध निर्माण को तोड़ने का काम शुरू हुआ। सोमवार बहुमंजिला इमारत के बाहर लगे टीन शेड और ऊपरी मंजिल पर बने अवैध निर्माण को तोड़ा गया। हालांकि, बहुमंजिला इमारत के मालिक तारकेश्वर गुप्ता ने कहा कि नगर निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया। मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। नगर निगम के कमिश्नर को सूचित करने के बाद भी निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।
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