बुधवार को बिहान एवं सशस्त्र सीमा बल 19वीं वाहिनी के द्वारा संयुक्त रूप से बटालियन मुख्यालय ठाकुरगंज के सभागार कक्ष में बाल तस्करी विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला की अध्यक्षता एसएसबी के कमाण्डेन्ट मधुकर अमिताभ ने की। कार्यशाला में मौजूद सबों को संबोधित करते हुए बिहान संस्था के कानूनी सलाहकार सह चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक व अधिवक्ता पंकज कुमार झा ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल तस्करी पर जागरूक करना क्योंकि यह मानव तस्करी को रोकने में अहम कड़ी हैं। बाल व मानव तस्करी समाज का घृणित अपराध है। जो व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह किसी बच्चे को गलत नियत से ले जाता है, उसे मानव तस्करी करते हैं। जो कानूनन अपराध है।
भारत और नेपाल के बीच मानव व बाल तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है। किशनगंज जिला बाल तस्करी का केंद्र बन चुका है। बड़े पैमाने पर मानव व बाल तस्करी की जा रही है। बच्चों की तस्करी इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें आसानी से श्रम कराने, विवाह कराने, सहित वेश्यावृत्ति में धकेला जा सके। भारतीय संविधान में मानव व बाल तस्करी को अवैध घोषित किया गया है। उन्होंने इससे संबंधित कानूनी जानकारी भी दी। उन्होंने बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय परिषद व किशोर न्याय अधिनियम सहित बाल संरक्षण समिति की विस्तृत जानकारी दी। आयोजित कार्यक्रम में कमांडेंट मधुकर अमिताभ ने बताया कि सीमाई क्षेत्रों में शिक्षा का अभाव होने के कारण लोग आगे नहीं बढ़ पाते हैं। सबको जिम्मेदारी है कि बच्चों को शिक्षित कर उन्हें आगे बढ़ाएं क्योंकि बच्चे ही कल की भविष्य है। यदि बच्चे शिक्षित रहेंगे तो उन्हें बहला-फुसलाकर कहीं नहीं ले जा सकता है। इसलिए शिक्षा जीवन के लिए सबसे अहम है। बाल तस्करी से बचने के लिए सबको सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी हो रहे मामले को रोकने या उन्हें चिन्हित कर विहान संस्था को सूचित करने की बात कही ताकि तस्कर को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट जीतलाल, असिस्टेंट कमांडेंट जयप्रकाश, इंस्पेक्टर ऋषिकेश, एएसआई दीपांकर, बिहान संस्था के मुजाहिद आलम सहित एसएसबी के अधिकारी व जवान मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बुधवार को बिहान एवं सशस्त्र सीमा बल 19वीं वाहिनी के द्वारा संयुक्त रूप से बटालियन मुख्यालय ठाकुरगंज के सभागार कक्ष में बाल तस्करी विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला की अध्यक्षता एसएसबी के कमाण्डेन्ट मधुकर अमिताभ ने की। कार्यशाला में मौजूद सबों को संबोधित करते हुए बिहान संस्था के कानूनी सलाहकार सह चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक व अधिवक्ता पंकज कुमार झा ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल तस्करी पर जागरूक करना क्योंकि यह मानव तस्करी को रोकने में अहम कड़ी हैं। बाल व मानव तस्करी समाज का घृणित अपराध है। जो व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह किसी बच्चे को गलत नियत से ले जाता है, उसे मानव तस्करी करते हैं। जो कानूनन अपराध है।
भारत और नेपाल के बीच मानव व बाल तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है। किशनगंज जिला बाल तस्करी का केंद्र बन चुका है। बड़े पैमाने पर मानव व बाल तस्करी की जा रही है। बच्चों की तस्करी इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें आसानी से श्रम कराने, विवाह कराने, सहित वेश्यावृत्ति में धकेला जा सके। भारतीय संविधान में मानव व बाल तस्करी को अवैध घोषित किया गया है। उन्होंने इससे संबंधित कानूनी जानकारी भी दी। उन्होंने बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय परिषद व किशोर न्याय अधिनियम सहित बाल संरक्षण समिति की विस्तृत जानकारी दी। आयोजित कार्यक्रम में कमांडेंट मधुकर अमिताभ ने बताया कि सीमाई क्षेत्रों में शिक्षा का अभाव होने के कारण लोग आगे नहीं बढ़ पाते हैं। सबको जिम्मेदारी है कि बच्चों को शिक्षित कर उन्हें आगे बढ़ाएं क्योंकि बच्चे ही कल की भविष्य है। यदि बच्चे शिक्षित रहेंगे तो उन्हें बहला-फुसलाकर कहीं नहीं ले जा सकता है। इसलिए शिक्षा जीवन के लिए सबसे अहम है। बाल तस्करी से बचने के लिए सबको सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी हो रहे मामले को रोकने या उन्हें चिन्हित कर विहान संस्था को सूचित करने की बात कही ताकि तस्कर को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट जीतलाल, असिस्टेंट कमांडेंट जयप्रकाश, इंस्पेक्टर ऋषिकेश, एएसआई दीपांकर, बिहान संस्था के मुजाहिद आलम सहित एसएसबी के अधिकारी व जवान मौजूद थे।
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