भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों पर एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम लोगों को बड़ा मासिक किराए आदि का वादा कर ठगी करते हैं। इस संबंध में जनता को सूचित किया जाता है कि:-
दूरसंचार विभाग/ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए जगहों को पट्टे पर देने/किराए पर लेने में शामिल नहीं है।
डीओटी/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई “एनओसी” जारी नहीं करते हैं।
इस तरह जनता को चेतावनी दी जाती है कि यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के लिए पैसे मांगता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और कंपनी की साख को जांच लें। टीएसपी और आईपी-1 की एसोसिएशन ने पुष्टि की है कि उनके सदस्य मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई पैसा नहीं मांगते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को ऐसी किसी भी धोखाधड़ी वाली गतिविधि का पता चलता है तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट कर सकता है।
भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग ने मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों पर एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) के संज्ञान में आया है कि कुछ बेईमान कंपनियां/एजेंसियां/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के नाम पर आम लोगों को बड़ा मासिक किराए आदि का वादा कर ठगी करते हैं। इस संबंध में जनता को सूचित किया जाता है कि:-
दूरसंचार विभाग/ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए जगहों को पट्टे पर देने/किराए पर लेने में शामिल नहीं है।
डीओटी/ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई “एनओसी” जारी नहीं करते हैं।
इस तरह जनता को चेतावनी दी जाती है कि यदि कोई कंपनी/एजेंसी/व्यक्ति मोबाइल टावर लगाने के लिए पैसे मांगता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और कंपनी की साख को जांच लें। टीएसपी और आईपी-1 की एसोसिएशन ने पुष्टि की है कि उनके सदस्य मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई पैसा नहीं मांगते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को ऐसी किसी भी धोखाधड़ी वाली गतिविधि का पता चलता है तो वह स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट कर सकता है।
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