शनिवार को इम्मूनएल हॉस्पिटल एसोसिएशन(ईएचए) के समन्वय से फ्री विल बैपटिस्ट सोसायटी के हैना प्रोजेक्ट द्वारा ठाकुरगंज प्रखंड के कई गांवों में राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह मनाया गया। जिरनगछ पंचायत के धोकरपेट में शनिवार को महादलित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के बीच पोषाहार पैकेट का वितरण किया गया। चूंकि इस गांव में कोई आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है और बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक किमी से अधिक जाना पड़ता है। इसलिए ऐसे गांवों का चयनित कर जरूरतमंदों के बीच पोषाहार के पैकेट बांटे गए। पोषाहार पैकेट में 5 किलो चावल, खाद्य तेल, दालें, बिस्किट, चना, सोयाबीन, दलिया और सत्तू दिए गए।
इस संबंध में इम्मूनएल हॉस्पिटल एसोसिएशन (ईएचए) के आपदा समन्वयक सुभाष दास ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भारत सरकार राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की अलग-अलग थीम जारी करती है, वर्ष 2022 के लिए यह थीम सेलिब्रेट वर्ल्ड ऑफ फ्लेवर है। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य कुपोषण मुक्त एक स्वस्थ राष्ट्र बनाने का है जिसके लिए लोगों के बीच पोषण संबंधी जागरुकता को फैलाने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि हजारों लोग पेट भरने को ही पोषण मान लेते हैं जबकि रोटी अथवा चावल से पेट भर लेना पोषण नहीं है। भोजन में विटामिन, वसा, खनिज लवण न होने से व्यक्ति की भूख तो मिट जाती है परंतु उसको पोषण प्राप्त नहीं होता है जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों से घिर जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिये भरपूर अनाज, फल, हरी सब्जी, चिकनाई रहित दूध या दूध के उत्पाद, मीट, मछली, बादाम आदि खाना चाहिये।
वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ईएचए के मोहम्मद साजिद आलम, मधुमिता सोम, ज्योति बानिक, नेहा सोरेन, आशा हासदा, सरवत जहां, अनीता कुमारी, महिनूर बेगम, लुकास सोरेन आदि ने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शनिवार को इम्मूनएल हॉस्पिटल एसोसिएशन(ईएचए) के समन्वय से फ्री विल बैपटिस्ट सोसायटी के हैना प्रोजेक्ट द्वारा ठाकुरगंज प्रखंड के कई गांवों में राष्ट्रीय पोषाहार सप्ताह मनाया गया। जिरनगछ पंचायत के धोकरपेट में शनिवार को महादलित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के बीच पोषाहार पैकेट का वितरण किया गया। चूंकि इस गांव में कोई आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है और बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक किमी से अधिक जाना पड़ता है। इसलिए ऐसे गांवों का चयनित कर जरूरतमंदों के बीच पोषाहार के पैकेट बांटे गए। पोषाहार पैकेट में 5 किलो चावल, खाद्य तेल, दालें, बिस्किट, चना, सोयाबीन, दलिया और सत्तू दिए गए।
इस संबंध में इम्मूनएल हॉस्पिटल एसोसिएशन (ईएचए) के आपदा समन्वयक सुभाष दास ने बताया कि प्रत्येक वर्ष भारत सरकार राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की अलग-अलग थीम जारी करती है, वर्ष 2022 के लिए यह थीम सेलिब्रेट वर्ल्ड ऑफ फ्लेवर है। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य कुपोषण मुक्त एक स्वस्थ राष्ट्र बनाने का है जिसके लिए लोगों के बीच पोषण संबंधी जागरुकता को फैलाने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि हजारों लोग पेट भरने को ही पोषण मान लेते हैं जबकि रोटी अथवा चावल से पेट भर लेना पोषण नहीं है। भोजन में विटामिन, वसा, खनिज लवण न होने से व्यक्ति की भूख तो मिट जाती है परंतु उसको पोषण प्राप्त नहीं होता है जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों से घिर जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिये भरपूर अनाज, फल, हरी सब्जी, चिकनाई रहित दूध या दूध के उत्पाद, मीट, मछली, बादाम आदि खाना चाहिये।
वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ईएचए के मोहम्मद साजिद आलम, मधुमिता सोम, ज्योति बानिक, नेहा सोरेन, आशा हासदा, सरवत जहां, अनीता कुमारी, महिनूर बेगम, लुकास सोरेन आदि ने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
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