सारस न्यूज टीम, वेब डेस्क।
विश्व में असाधारण प्रतिभा के स्वामी बहुत कम लोग होते हैं। ऐसी ही एक असाधारण प्रतिभा का नाम है- मिल्खा सिंह वास्तव में, ‘मिल्खा सिंह’ केवल एक नाम नहीं है बल्कि साहस, संघर्ष और प्रेरणा की एक ऐसी दास्तान है। जिसने बचपन में भारत-पाक बँटवारे के दौरान अपना पूरा परिवार खोने के बावजूद अपनी राह खुद बनाई और अपनी मेहनत के बल पर बुलन्दियों को छुआ। मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवम्बर, 1929 को पंजाब प्रान्त के मुजफ्फरगढ़ जिले के गोबिन्दपुरा गाँव में हुआ था। अब यह स्थान पाकिस्तान में स्थित है। भारत के ऐसे प्रसिद्ध धावक थे जिन्हें लोग फ्लाइंग सिख के नाम से जानते हैं।
वर्ष 1959 में मिल्खा सिंह को ‘पद्मश्री’ और हेल्म्स सम्मान से भी सम्मानित किया गया। मिल्खा सिंह ने वर्ष 2013 में अपने जीवन पर आधारित एक पुस्तक ‘द रेस ऑफ माइ लाइफ’ लिखी थी। जिस पर वर्ष 2014 में ‘भाग मिल्खा भाग’ के नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है।
वह ओलम्पिक रिकॉर्ड बनाने वाले अब तक अकेले भारतीय धावक हैं। उनके पुत्र जीव मिल्खा सिंह ने उनके बारे में सच ही कहा है- “मिल्खा सिंह कई पीढ़ियों में एक बार ही पैदा होता है। भारत को अपने इस अभूतपूर्व धावक पर सदा गर्व रहेगा।