बाढ़-सूखा व आगलगी जैसे खतरों से बचाव के लिए बिहार के 38 जिले तथा 9 प्रमंडल में एनडीआरएफ टीम के 47 सेंटर बनाए जाएंगे। इसमें तकरीबन 3.70 अरब रुपए की लागत आने का अनुमान है। सेंटर में प्रशिक्षण के साथ अफसर तथा जवानों के रहने का प्रबंध होगा। साथ ही विभाग के कार्य के लिए दफ्तर बनाया जाएगा। एनडीआरएफ के सेंटर के बनने से किसी भी इलाके में अनहोनी के हालात में एनडीआरएफ टीम के जवान तीन से 20 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच जाएंगी। इसके साथ पड़ोसी मूल्क नेपाल को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी। अभी आपात हालात में एनडीआरएफ टीम को पहुंचने में तीन से 12 घंटे तक समय लगते हैं।
निर्धारित स्थलों पर राहत सामग्री पहुंचने में एक से पांच दिन का वक्त लगेगा। इससे पहले दफ्तर से राहत सामग्री नेपाल को भेजी जाती है। जहां पर निर्धारित स्थल तक पहुंचने में 7 से 15 दिन का समय लगता था। जानकारी के अनुसार बिहार से नेपाल देश को 9 जुलाई 2022 को 31 ट्रक राहत सामग्री नेपाल के वीरगंज, काठमांडू और बुटवल सहित अन्य जिलों को भेजा गया था। भूकंप के सयम 2015 में कई माह तक राहत सामग्री नेपाल को भेजी गई थी।
आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश में आपदा से पीड़ितों को सही वक्त पर मदद मिले इसके लिए एनडीआरएफ के प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण चल रहा है। जहां पर जवानों और अधिकारियों के प्रशिक्षण के साथ रहने का प्रबंध होगा। इस दौरान सेंटर पर सभी उपकरण होंगे जिसे तत्काल रुप से मदद की जाएगी। इससे पूर्व जिले में आपदा प्रबंधन विभाग का दफ्तर बनाया गया है। 12 महीने में जिलों से सेंटर का संचालन आरंभ करने की तैयारी है।
सारस न्यूज टीम, बिहार।
बाढ़-सूखा व आगलगी जैसे खतरों से बचाव के लिए बिहार के 38 जिले तथा 9 प्रमंडल में एनडीआरएफ टीम के 47 सेंटर बनाए जाएंगे। इसमें तकरीबन 3.70 अरब रुपए की लागत आने का अनुमान है। सेंटर में प्रशिक्षण के साथ अफसर तथा जवानों के रहने का प्रबंध होगा। साथ ही विभाग के कार्य के लिए दफ्तर बनाया जाएगा। एनडीआरएफ के सेंटर के बनने से किसी भी इलाके में अनहोनी के हालात में एनडीआरएफ टीम के जवान तीन से 20 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच जाएंगी। इसके साथ पड़ोसी मूल्क नेपाल को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी। अभी आपात हालात में एनडीआरएफ टीम को पहुंचने में तीन से 12 घंटे तक समय लगते हैं।
निर्धारित स्थलों पर राहत सामग्री पहुंचने में एक से पांच दिन का वक्त लगेगा। इससे पहले दफ्तर से राहत सामग्री नेपाल को भेजी जाती है। जहां पर निर्धारित स्थल तक पहुंचने में 7 से 15 दिन का समय लगता था। जानकारी के अनुसार बिहार से नेपाल देश को 9 जुलाई 2022 को 31 ट्रक राहत सामग्री नेपाल के वीरगंज, काठमांडू और बुटवल सहित अन्य जिलों को भेजा गया था। भूकंप के सयम 2015 में कई माह तक राहत सामग्री नेपाल को भेजी गई थी।
आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश में आपदा से पीड़ितों को सही वक्त पर मदद मिले इसके लिए एनडीआरएफ के प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण चल रहा है। जहां पर जवानों और अधिकारियों के प्रशिक्षण के साथ रहने का प्रबंध होगा। इस दौरान सेंटर पर सभी उपकरण होंगे जिसे तत्काल रुप से मदद की जाएगी। इससे पूर्व जिले में आपदा प्रबंधन विभाग का दफ्तर बनाया गया है। 12 महीने में जिलों से सेंटर का संचालन आरंभ करने की तैयारी है।
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