मूल रूप से पूर्णिया के रहने वाले और वर्तमान में दिल्ली एनसीआर से पत्रकारीता के क्षेत्र में काम करने वाले पशुपति शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। नवोदय पूर्णिया में शुरू हुआ सफर कैसे रंगमंच की बारीकियों में डूबता गया, और उतने ही संजीदा एक पेशा पत्रकारिता में भी कैसे हर दिन नयी कहानी लिखता गया, यह अपने आप में एक दिलचस्प कहानी है। लेकिन पहले बात करते हैं नेशनल हिंदी चैनल इंडिया न्यूज़ से उनके जुड़ने की खबर से।
सारस न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार – वरिष्ठ टीवी पत्रकार पशुपति शर्मा ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर(Executive Editor) नेशनल हिंदी चैनल इंडिया न्यूज़ ज्वाइन किया है। इंडिया न्यूज़ के साथ यह उनकी दूसरी पारी है। वे इससे पहले भी इंडिया न्यूज़ में बतौर आउटपुट हेड काम कर चुके हैं। इस बार वे पूर्व आउटपुट हेड चंद्रभान सोलंकी की जगह लेंगे जिन्होंने हाल ही में इंडिया न्यूज़ को छोड़ दिया था। पशुपति शर्मा पर खबरों के कंटेट को मजबूत करने के साथ चैनल की अन्य दूसरी प्लानिंग की भी जिम्मेदारी होगी।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो नवोदय पूर्णिया से प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने पूर्णिया कॉलेज से भौतिक शास्त्र में स्नातक किया। उसके बाद पत्रकारिता से उनका लगाव उन्हें माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल ले गया, जहाँ उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की। भारत की सांस्कृतिक राजधानी भोपाल में रहने के दौरान लाजिमी था की पशुपति रंगमंच की दुनिया से जुड़े और ऐसे जुड़े की कभी न बिछुड़े। यही हुआ भी।
भोपाल में रहने के दौरान पशुपति से प्रभावित होकर या सीधा यूँ कहिये उन्हें देखकर उनके कई साथी और जूनियर्स वहां गए और माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पशुपति ब्रिगेड की एक पूरी की पूरी फौज खरी हो गयी जो भोपाल की सांस्कृतिक विरासत में घुलते मिलते गयी। इसी दौरान वे भारत के सबसे लोकप्रिय नाटककार में से एक बंशी कौल से मिले। बंशी कौल के ग्रुप रंग विदूषक से भी वे कुछ दिन जुड़े रहे, और उनके काम से पशुपति बहुत प्रभावित हुए और रंगमंच में नया सीखने और कुछ करने की उनकी ख्वाइश भी पूरी होती रही। बाद में (भोपाल में रहने तक) उन्होंने अपने साथी और जूनियर्स के साथ भोपाल में कई नाटकों का सफल मंचन किया। पशुपति और उनकी टीम के नाटक शो में भीड़ इतनी होती थी की बैठने की जगह नहीं मिलती थी। इसका एक प्रमाण तो मैं खुद हूँ जब उनका एक नाटक देखने के लिए मुझे बमुश्किल सीट मिली थी।
पत्रकारिता के कैरियर की बात करे तो पशुपति शर्मा कई चैनल के लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। वे हमेशा से ख़बरों में कई प्रयोग के पक्षधर रहे और ऐसा उन्होंने सफलतापूर्वक कर दिखाया है। पशुपति शर्मा खबरों के कंटेंट के साथ-साथ प्रजेंटेशन को लेकर काफी संजीदा रहते हैं। साल 2018 में ‘इंडिया न्यूज‘ जॉइन करने से पहले वह ‘न्यूज नेशन‘ में करीब छह साल तक इवनिंग शिफ्ट सुपर की भूमिका में रहे। पशुपति शर्मा पूर्व में ‘इंडिया टीवी‘,‘न्यूज 24‘, ‘टीवी टुडे‘ ग्रुप, ‘दैनिक जागरण‘ और ‘दैनिक भास्कर‘ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
सारस न्यूज़ की तरफ से पशुपति शर्मा को नई पारी के लिए ढेर सारी शुभकानाएं।
स्वाति राय, सारस न्यूज़, पूर्णिया।
मूल रूप से पूर्णिया के रहने वाले और वर्तमान में दिल्ली एनसीआर से पत्रकारीता के क्षेत्र में काम करने वाले पशुपति शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। नवोदय पूर्णिया में शुरू हुआ सफर कैसे रंगमंच की बारीकियों में डूबता गया, और उतने ही संजीदा एक पेशा पत्रकारिता में भी कैसे हर दिन नयी कहानी लिखता गया, यह अपने आप में एक दिलचस्प कहानी है। लेकिन पहले बात करते हैं नेशनल हिंदी चैनल इंडिया न्यूज़ से उनके जुड़ने की खबर से।
सारस न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार – वरिष्ठ टीवी पत्रकार पशुपति शर्मा ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर(Executive Editor) नेशनल हिंदी चैनल इंडिया न्यूज़ ज्वाइन किया है। इंडिया न्यूज़ के साथ यह उनकी दूसरी पारी है। वे इससे पहले भी इंडिया न्यूज़ में बतौर आउटपुट हेड काम कर चुके हैं। इस बार वे पूर्व आउटपुट हेड चंद्रभान सोलंकी की जगह लेंगे जिन्होंने हाल ही में इंडिया न्यूज़ को छोड़ दिया था। पशुपति शर्मा पर खबरों के कंटेट को मजबूत करने के साथ चैनल की अन्य दूसरी प्लानिंग की भी जिम्मेदारी होगी।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो नवोदय पूर्णिया से प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने पूर्णिया कॉलेज से भौतिक शास्त्र में स्नातक किया। उसके बाद पत्रकारिता से उनका लगाव उन्हें माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल ले गया, जहाँ उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई की। भारत की सांस्कृतिक राजधानी भोपाल में रहने के दौरान लाजिमी था की पशुपति रंगमंच की दुनिया से जुड़े और ऐसे जुड़े की कभी न बिछुड़े। यही हुआ भी।
भोपाल में रहने के दौरान पशुपति से प्रभावित होकर या सीधा यूँ कहिये उन्हें देखकर उनके कई साथी और जूनियर्स वहां गए और माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पशुपति ब्रिगेड की एक पूरी की पूरी फौज खरी हो गयी जो भोपाल की सांस्कृतिक विरासत में घुलते मिलते गयी। इसी दौरान वे भारत के सबसे लोकप्रिय नाटककार में से एक बंशी कौल से मिले। बंशी कौल के ग्रुप रंग विदूषक से भी वे कुछ दिन जुड़े रहे, और उनके काम से पशुपति बहुत प्रभावित हुए और रंगमंच में नया सीखने और कुछ करने की उनकी ख्वाइश भी पूरी होती रही। बाद में (भोपाल में रहने तक) उन्होंने अपने साथी और जूनियर्स के साथ भोपाल में कई नाटकों का सफल मंचन किया। पशुपति और उनकी टीम के नाटक शो में भीड़ इतनी होती थी की बैठने की जगह नहीं मिलती थी। इसका एक प्रमाण तो मैं खुद हूँ जब उनका एक नाटक देखने के लिए मुझे बमुश्किल सीट मिली थी।
पत्रकारिता के कैरियर की बात करे तो पशुपति शर्मा कई चैनल के लॉन्चिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। वे हमेशा से ख़बरों में कई प्रयोग के पक्षधर रहे और ऐसा उन्होंने सफलतापूर्वक कर दिखाया है। पशुपति शर्मा खबरों के कंटेंट के साथ-साथ प्रजेंटेशन को लेकर काफी संजीदा रहते हैं। साल 2018 में ‘इंडिया न्यूज‘ जॉइन करने से पहले वह ‘न्यूज नेशन‘ में करीब छह साल तक इवनिंग शिफ्ट सुपर की भूमिका में रहे। पशुपति शर्मा पूर्व में ‘इंडिया टीवी‘,‘न्यूज 24‘, ‘टीवी टुडे‘ ग्रुप, ‘दैनिक जागरण‘ और ‘दैनिक भास्कर‘ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
सारस न्यूज़ की तरफ से पशुपति शर्मा को नई पारी के लिए ढेर सारी शुभकानाएं।
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