जन औषधि केंद्रों ने 20,000 करोड़ रुपये की बचत करके देश के मध्यम वर्ग को नई शक्ति प्रदान की है। जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 केंद्र करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा कि सरकार की ‘जन औषधि केंद्रों’ की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की योजना है। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति प्रदान की है। यदि किसी को मधुमेह है, तो मासिक बिल 3000 रु. जमा हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ”जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम 100 रुपये कीमत वाली दवाओं को 10 से 15 रुपये में दे रहे हैं। सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये की राशि के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘जन औषधि केंद्र’ (दवा की रियायती दुकानों) की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की दिशा में काम कर रही है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
जन औषधि केंद्रों ने 20,000 करोड़ रुपये की बचत करके देश के मध्यम वर्ग को नई शक्ति प्रदान की है। जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 केंद्र करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा कि सरकार की ‘जन औषधि केंद्रों’ की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की योजना है। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति प्रदान की है। यदि किसी को मधुमेह है, तो मासिक बिल 3000 रु. जमा हो जाते हैं। उन्होंने कहा, ”जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम 100 रुपये कीमत वाली दवाओं को 10 से 15 रुपये में दे रहे हैं। सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये की राशि के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘जन औषधि केंद्र’ (दवा की रियायती दुकानों) की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की दिशा में काम कर रही है।
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