बीएसएफ के 152वीं बटालियन द्वारा सीमावर्ती गांव सतविटा में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय मुख्यालय बीएसएफ किशनगंज अंतर्गत 152वीं बटालियन द्वारा मंगलवार को सीमावर्ती गांव सतविटा के जूनियर हाई स्कूल में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। आयोजित मेडिकल कैम्प का उदघाटन मुख्य अतिथि डॉ प्रसून मैती आईजी एवं मेडिकल कम्पोजिट अस्पताल बीएसएफ कदमतला द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ. साहिल बाला सोरेंग, डीआईजी मेडिकल सीमांत मुख्यालय उत्तर बंगाल, ईश औल डीआईजी क्षेत्रीय मुख्यालय किशनगंज, डॉक्टर महेश कुमार, सहायक कमांडेट मेडिकल ऑफिसर 152वीं बटालियन, डॉ संगीता सिंह, सहायक कमांडेट मेडिकल ऑफिसर 17 वीं बटालियन, डॉ कोव्वुरु सुरेंद्र रेड्डी चिकित्सा अधिकारी एमजीएम मेडिकल कॉलेज किशनगंज, समादेष्टा संदीप कुमार खत्री, अधिनस्थ अधिकारी, जवान तथा ग्रामीण मौजूद थे। वहीं मेडिकल कैंप में अन्य निकटवर्ती सीमावर्ती गांव के ग्रामीणों और स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया।जिसमें लगभग 228 पुरुष, 208 महिला एवं 76 बच्चों का स्वास्थ्य जाँच किया गया तथा निःशुल्क दवा दी गयी। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्कूल के बच्चों और ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया तथा उन्हें नशीली चीजों के सेवन से बचने की सलाह दी गई।
सारस न्यूज, गलगलिया।
बीएसएफ के 152वीं बटालियन द्वारा सीमावर्ती गांव सतविटा में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय मुख्यालय बीएसएफ किशनगंज अंतर्गत 152वीं बटालियन द्वारा मंगलवार को सीमावर्ती गांव सतविटा के जूनियर हाई स्कूल में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया। आयोजित मेडिकल कैम्प का उदघाटन मुख्य अतिथि डॉ प्रसून मैती आईजी एवं मेडिकल कम्पोजिट अस्पताल बीएसएफ कदमतला द्वारा किया गया। इस दौरान डॉ. साहिल बाला सोरेंग, डीआईजी मेडिकल सीमांत मुख्यालय उत्तर बंगाल, ईश औल डीआईजी क्षेत्रीय मुख्यालय किशनगंज, डॉक्टर महेश कुमार, सहायक कमांडेट मेडिकल ऑफिसर 152वीं बटालियन, डॉ संगीता सिंह, सहायक कमांडेट मेडिकल ऑफिसर 17 वीं बटालियन, डॉ कोव्वुरु सुरेंद्र रेड्डी चिकित्सा अधिकारी एमजीएम मेडिकल कॉलेज किशनगंज, समादेष्टा संदीप कुमार खत्री, अधिनस्थ अधिकारी, जवान तथा ग्रामीण मौजूद थे। वहीं मेडिकल कैंप में अन्य निकटवर्ती सीमावर्ती गांव के ग्रामीणों और स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया।जिसमें लगभग 228 पुरुष, 208 महिला एवं 76 बच्चों का स्वास्थ्य जाँच किया गया तथा निःशुल्क दवा दी गयी। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्कूल के बच्चों और ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया गया तथा उन्हें नशीली चीजों के सेवन से बचने की सलाह दी गई।
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