सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार अग्निशमन सेवा किशनगंज के बैनर तले ठाकुरगंज थाना में पदस्थापित अग्निशमन दस्त्ता दल के कर्मियों द्वारा बेसरबाटी के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरीथान में स्कूली बच्चों, शिक्षकों एवं रसोईयाओं को अगलगी जैसी आपदा से बचाव की जानकारी दी गई। समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम अंतर्गत मॉक ड्रिल के माध्यम से भी स्कूली बच्चों को जागरूक किया गया।
इस दौरान अग्निशमन दल के कर्मी जितेंद्र कुमार, मंगल किशोर राय एवं संतोष कुमार पासवान ने अगलगी से बचाव हेतु मॉक ड्रिल के माध्यम से गैस सिलेंडर में आग लगने पर किस तरह अपने घर व पड़ोसियों को अगलगी की घटना की संभावना से बचाव किया जा सके तथा थोड़ी सी सावधानी से किस तरह अधिक मात्रा में जानमाल की क्षति को रोका जा सके, यह सब अग्निशमन कर्मियों ने मॉक ड्रिल के माध्यम से सबों को बताया गया।
इस दौरान अग्निशमन दल के कर्मी मंगल किशोर राय ने बताया कि मार्च से सितंबर महीने तक पछुआ हवा एवं गर्मी के मौसम में अगलगी की घटना ज्यादा होती हैं। इस दौरान गर्मियों में किसी भी बिजली के उपकरण का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि लगातार एसी, पंखा या कोई भी उपकरण चल रहा है तो उसे कुछ देर के लिए बंद कर देना चाहिए। मशीन के लगातार चलने से गर्म हो जाती है और उसमें शॉर्ट सर्किट भी हो जाता है। उन्होंने बताया कि झुग्गी- झोपड़ी में भी गर्मियों के दौरान आग लगने की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं क्योंकि झुग्गियों की छत्त, दीवारें कई बार प्लास्टिक, लकड़ी, बांस या भूसे से बनी होती हैं और तापमान बढ़ने तथा तेज हवा बढ़ने पर उनमें छोटी सी भी आग काफी तेजी से बढ़ने लगती है और धीरे-धीरे आसपास की झुग्गियों को भी चपेट में ले लेती है। ऐसे में झुग्गी झोपड़ी में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ गर्मियों के मौसम में ना रखें।
इस दौरान अग्निशमन कर्मियों ने सबों से अपील की कि सभी सावधानी पूर्वक घरेलू कार्य करें। जब तेज हवा चल रही हो तो खाना ना बनाएं। भोजन बनाते समय एक से दो बाल्टी पानी पास में अवश्य रखें। जहां भोजन बनाया जाता है उसके आसपास कोई भी सूखा जलावन ना रखें। दीया, लालटेन, मोमबत्ती आदि को ऐसी जगह पर न रखें जहां गिरकर आग लगने की संभावना हो।
इस मौके पर विद्यालय के प्रभारी प्रधान शिक्षक सरोज पोद्दार, सहायक शिक्षक पंकज भारद्वाज नीतू गुप्ता, चंदा दास, रसोइया पिंकी देवी, रीना देवी, बाजो देवी, गणेश्वरी देवी सहित स्कूली बच्चे मौजुद थे।