सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बहराइच में एक बार फिर से भेड़ियों का कहर बरपा है, जहां दो बच्चों पर हमला किया गया है। वन विभाग का कहना है कि उनकी पकड़ से फिलहाल केवल 2 भेड़िये बाहर हैं। अगर ये दोनों भेड़िये फंस जाते हैं, तो इस खूनी खेल पर लगाम लग सकती है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या वाकई यहां दो भेड़िये ही लोगों को निशाना बना रहे हैं? जीवविज्ञानी इस पर शक जता रहे हैं। उनका मानना है कि बहराइच में केवल एक ही आदमखोर भेड़िया है, जो इन हमलों के पीछे है। अगर इस ‘एक’ को पकड़ लिया जाए, तो सारी मुश्किलें खत्म हो सकती हैं। क्या यह वही ‘अल्फा मेल भेड़िया’ है, जिसे समूह का नेता माना जाता है?
हमलों के पैटर्न से मिल रहे संकेत
भेड़िया विशेषज्ञ यादवेंद्र देव विक्रम सिंह झाला ने एक साक्षात्कार में कहा, “बहराइच में हुए हमलों में सात बच्चों समेत आठ लोगों की मौत के पीछे शायद एक ही भेड़िया है, न कि कोई झुंड। इन हमलों के पैटर्न को देखकर लगता है कि यह अकेला भेड़िया ही लोगों पर हमला कर रहा है।” उनका कहना है कि मारे गए बच्चों के शरीर पर मिले चोट के निशान भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमले का तरीका एक ही है।
वन विभाग की भेड़ियों के झुंड की थ्योरी
वन विभाग का मानना है कि इन हमलों के पीछे भेड़ियों का एक समूह है। अधिकारियों के मुताबिक, “छह भेड़ियों का एक झुंड इन हमलों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें से चार को पकड़ लिया गया है। अब केवल 2 भेड़िये बचे हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाए जा रहे हैं।” लेकिन झाला की राय इससे अलग है। उनका कहना है, “अगर झुंड ने हमला किया होता, तो शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए होते, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ है।”
झाला का तर्क: ‘एक’ भेड़िया ही है जिम्मेदार
झाला इस बात पर जोर देते हैं कि अगर झुंड हमला करता, तो शव के हिस्से अलग-अलग जगह मिलते। लेकिन यहां पर बच्चों के शरीर के टुकड़े नहीं मिले, केवल मांसपेशियां ही खाई गई हैं। इससे साफ होता है कि इन हमलों के पीछे सिर्फ एक ही भेड़िया है। उन्होंने यह भी बताया, “एक भेड़िया एक बार में लगभग 5 से 6 किलोग्राम मांस खा सकता है। अगर 6 भेड़ियों का झुंड हमला करता, तो शरीर के अधिकांश हिस्से गायब हो जाते।”
कहीं ये वही ‘अल्फा मेल’ तो नहीं?
भेड़ियों के झुंड में अक्सर एक नेता होता है, जिसे ‘अल्फा मेल’ कहा जाता है। यह अल्फा मेल ही पूरे झुंड को दिशा देता है और हमले की योजना बनाता है। इसके इशारों पर ही अन्य भेड़िये चलते हैं। बहराइच के मामलों में भी यह संभावना जताई जा रही है कि एक ‘अल्फा मेल’ भेड़िया ही इन हमलों का नेतृत्व कर रहा है।
‘भेड़िया’ के टाइटल ट्रैक की तरह ‘वो’ हैरान कर देने वाला
यह मामला किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसा लगता है, जहां एक ‘भेड़िया’ गांव वालों के बीच खौफ पैदा कर रहा है। अगर आप वरुण धवन की ‘भेड़िया’ के टाइटल ट्रैक को याद करें, तो ये वही स्थिति है—एक ऐसा ‘भेड़िया’, जिसने इलाके में दहशत फैला दी है। अब देखना होगा कि क्या वन विभाग इस ‘आदमखोर भेड़िये’ को पकड़ने में कामयाब होता है या नहीं।