पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने शनिवार को सोने की तस्करी के मामले में बिहार के किशनगंज जिले के दो तस्करों को किया गिरफ्तार। इन तस्करों के पास से 13 सोने के बिस्कुट बरामद किए गए, जिनका कुल वजन 1814.50 ग्राम है। बरामद सोने की कीमत 1,18,81,253 रुपये आंकी गई है।
पकड़े गए तस्करों की पहचान जेठमोहन बोसाक, निवासी दिलावरगंज, और महेश चौधरी, निवासी खगड़ा, वार्ड संख्या 22, किशनगंज, के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महेश चौधरी एक स्थानीय सोने के सरगना का ड्राइवर है, जबकि जेठमोहन बोसाक उसी सरगना का कर्मचारी है। बताया गया है कि जेठमोहन दिलावरगंज में किराए के मकान में रहकर काम करता था।
डीआरआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में किशनगंज के सोने के सरगना का नाम उजागर नहीं किया गया है। पकड़े गए दोनों आरोपियों को शनिवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि महेश चौधरी और जेठमोहन बोसाक, दोनों स्थानीय सोने के सरगना के करीबी माने जाते हैं। डीआरआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सरगना के नेटवर्क को खंगालने के प्रयास कर रही है।
यह कार्रवाई सोने की तस्करी के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। डीआरआई टीम तस्करी के पूरे रैकेट का पता लगाने और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए आगे की जांच कर रही है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की टीम ने शनिवार को सोने की तस्करी के मामले में बिहार के किशनगंज जिले के दो तस्करों को किया गिरफ्तार। इन तस्करों के पास से 13 सोने के बिस्कुट बरामद किए गए, जिनका कुल वजन 1814.50 ग्राम है। बरामद सोने की कीमत 1,18,81,253 रुपये आंकी गई है।
पकड़े गए तस्करों की पहचान जेठमोहन बोसाक, निवासी दिलावरगंज, और महेश चौधरी, निवासी खगड़ा, वार्ड संख्या 22, किशनगंज, के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महेश चौधरी एक स्थानीय सोने के सरगना का ड्राइवर है, जबकि जेठमोहन बोसाक उसी सरगना का कर्मचारी है। बताया गया है कि जेठमोहन दिलावरगंज में किराए के मकान में रहकर काम करता था।
डीआरआई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में किशनगंज के सोने के सरगना का नाम उजागर नहीं किया गया है। पकड़े गए दोनों आरोपियों को शनिवार को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि महेश चौधरी और जेठमोहन बोसाक, दोनों स्थानीय सोने के सरगना के करीबी माने जाते हैं। डीआरआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सरगना के नेटवर्क को खंगालने के प्रयास कर रही है।
यह कार्रवाई सोने की तस्करी के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाई का हिस्सा है। डीआरआई टीम तस्करी के पूरे रैकेट का पता लगाने और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के लिए आगे की जांच कर रही है।
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