ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को उच्च गुणवत्ता प्रदान करने के लिए किशनगंज जिले के मोतिहारा, भोगडाबर, धनतोला, बैसा, गोपालगंज, झाला, और डेरामारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (HWC) को 24 और 25 मार्च को राज्यस्तरीय एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण पहल के तहत, जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से DQAC प्रभारी सुमन सिन्हा लगातार केंद्रों का दौरा कर रही हैं और आवश्यक चीजों को दुरुस्त किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इन केंद्रों को मॉडल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के रूप में विकसित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।
एनक्वास प्रमाणीकरण: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वरदान
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि एनक्वास प्रमाणीकरण किसी भी स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाओं, स्वच्छता, उपकरणों की उपलब्धता, स्टाफ दक्षता, मरीजों की देखभाल और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता को मापने का एक राष्ट्रीय मानक है। प्रमाणीकरण मिलने के बाद इन केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और अधिक बेहतर होगा, जिससे ग्रामीणों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं उनके गांव में ही उपलब्ध होंगी। इसके तहत बेहतर स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती, आधुनिक उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता, 24×7 आपातकालीन सेवाएं, प्रसव, मातृ-शिशु देखभाल और नियमित टीकाकरण की सुविधा मिलेगी।
“मुखिया भी आगे आएं, स्वास्थ्य क्रांति का बनें हिस्सा” – जिलाधिकारी विशाल राज
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पहल को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।” उन्होंने स्थानीय मुखियाओं और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे भी इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाएं। “स्वास्थ्य केंद्रों की बेहतरी केवल सरकार का काम नहीं है। अगर मुखिया और ग्राम पंचायत के सदस्य इसमें सहयोग करें, तो यह पहल और प्रभावी होगी। ग्रामीणों को भी समझाना होगा कि स्वास्थ्य उनका अधिकार है और अब वे अपने गांव में ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।”
“प्रमाणीकरण से गांवों में मिलेगी शहर जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं” – सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा कि जिले के इन 7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को मॉडल स्वास्थ्य केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। “एनक्वास प्रमाणीकरण के बाद इन केंद्रों पर बेहतर दवाएं, आधुनिक जांच सुविधाएं, प्रशिक्षित डॉक्टर और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।” उन्होंने ग्रामीणों को संदेश देते हुए कहा, “अब इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार और स्वास्थ्य विभाग आपके द्वार तक उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्थानीय मुखिया, आशा कार्यकर्ता और पंचायत के अन्य सदस्य भी इसमें सहयोग करें, ताकि इस पहल का पूरा लाभ ग्रामीणों तक पहुंचे।”
स्वच्छता और सेवा गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता, स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों का लगातार निरीक्षण
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ DQAC प्रभारी सुमन सिन्हा लगातार केंद्रों का भ्रमण कर रही हैं और हर आवश्यक चीज को दुरुस्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी केंद्रों में स्वच्छता और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मियों को एनक्वास मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है। आधुनिक उपकरण और आपातकालीन सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं। साथ ही टीकाकरण, मातृ-शिशु देखभाल और नियमित जांच सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। “हमारी पूरी कोशिश है कि ये सभी केंद्र एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए पूरी तरह तैयार रहें और जिले के ग्रामीणों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।”
ग्रामीणों को होगा सीधा लाभ
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार से अब छोटे-बड़े इलाज के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 24×7 आपातकालीन सेवाएं और डॉक्टरों की उपलब्धता के साथ मुफ्त दवाएं और नियमित जांच की सुविधा, प्रसव और मातृ-शिशु देखभाल की विशेष सेवाएं मिलेंगी, जिससे ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों की बचत होगी।
स्थानीय मुखियाओं की भूमिका होगी अहम, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
जिलाधिकारी विशाल राज और सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने सभी स्थानीय मुखियाओं, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस पहल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि अगर गांव के नेता और जनप्रतिनिधि इस अभियान में सहयोग करें, तो स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। अब समय है कि हम सभी मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करें। किशनगंज जिले के इन 7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर 24 और 25 मार्च को राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य समिति लगातार इन केंद्रों की गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रमाणीकरण मिलने के बाद ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और प्रशिक्षित डॉक्टरों की सेवाएं उनके गांव में ही मिलेंगी। “हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण को घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले। एनक्वास प्रमाणीकरण से यह सपना हकीकत बनने जा रहा है।”
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को उच्च गुणवत्ता प्रदान करने के लिए किशनगंज जिले के मोतिहारा, भोगडाबर, धनतोला, बैसा, गोपालगंज, झाला, और डेरामारी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (HWC) को 24 और 25 मार्च को राज्यस्तरीय एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण पहल के तहत, जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से DQAC प्रभारी सुमन सिन्हा लगातार केंद्रों का दौरा कर रही हैं और आवश्यक चीजों को दुरुस्त किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इन केंद्रों को मॉडल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के रूप में विकसित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।
एनक्वास प्रमाणीकरण: ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए वरदान
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि एनक्वास प्रमाणीकरण किसी भी स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाओं, स्वच्छता, उपकरणों की उपलब्धता, स्टाफ दक्षता, मरीजों की देखभाल और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता को मापने का एक राष्ट्रीय मानक है। प्रमाणीकरण मिलने के बाद इन केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और अधिक बेहतर होगा, जिससे ग्रामीणों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं उनके गांव में ही उपलब्ध होंगी। इसके तहत बेहतर स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती, आधुनिक उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता, 24×7 आपातकालीन सेवाएं, प्रसव, मातृ-शिशु देखभाल और नियमित टीकाकरण की सुविधा मिलेगी।
“मुखिया भी आगे आएं, स्वास्थ्य क्रांति का बनें हिस्सा” – जिलाधिकारी विशाल राज
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पहल को ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण केवल एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।” उन्होंने स्थानीय मुखियाओं और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे भी इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाएं। “स्वास्थ्य केंद्रों की बेहतरी केवल सरकार का काम नहीं है। अगर मुखिया और ग्राम पंचायत के सदस्य इसमें सहयोग करें, तो यह पहल और प्रभावी होगी। ग्रामीणों को भी समझाना होगा कि स्वास्थ्य उनका अधिकार है और अब वे अपने गांव में ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।”
“प्रमाणीकरण से गांवों में मिलेगी शहर जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं” – सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा कि जिले के इन 7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को मॉडल स्वास्थ्य केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है। “एनक्वास प्रमाणीकरण के बाद इन केंद्रों पर बेहतर दवाएं, आधुनिक जांच सुविधाएं, प्रशिक्षित डॉक्टर और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होंगी।” उन्होंने ग्रामीणों को संदेश देते हुए कहा, “अब इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार और स्वास्थ्य विभाग आपके द्वार तक उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। स्थानीय मुखिया, आशा कार्यकर्ता और पंचायत के अन्य सदस्य भी इसमें सहयोग करें, ताकि इस पहल का पूरा लाभ ग्रामीणों तक पहुंचे।”
स्वच्छता और सेवा गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता, स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों का लगातार निरीक्षण
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ DQAC प्रभारी सुमन सिन्हा लगातार केंद्रों का भ्रमण कर रही हैं और हर आवश्यक चीज को दुरुस्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी केंद्रों में स्वच्छता और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और स्वास्थ्यकर्मियों को एनक्वास मानकों के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है। आधुनिक उपकरण और आपातकालीन सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हैं। साथ ही टीकाकरण, मातृ-शिशु देखभाल और नियमित जांच सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। “हमारी पूरी कोशिश है कि ये सभी केंद्र एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए पूरी तरह तैयार रहें और जिले के ग्रामीणों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।”
ग्रामीणों को होगा सीधा लाभ
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार से अब छोटे-बड़े इलाज के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 24×7 आपातकालीन सेवाएं और डॉक्टरों की उपलब्धता के साथ मुफ्त दवाएं और नियमित जांच की सुविधा, प्रसव और मातृ-शिशु देखभाल की विशेष सेवाएं मिलेंगी, जिससे ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों की बचत होगी।
स्थानीय मुखियाओं की भूमिका होगी अहम, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
जिलाधिकारी विशाल राज और सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने सभी स्थानीय मुखियाओं, पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे इस पहल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि अगर गांव के नेता और जनप्रतिनिधि इस अभियान में सहयोग करें, तो स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। अब समय है कि हम सभी मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करें। किशनगंज जिले के इन 7 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स पर 24 और 25 मार्च को राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण के लिए निरीक्षण किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य समिति लगातार इन केंद्रों की गुणवत्ता सुधारने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रमाणीकरण मिलने के बाद ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और प्रशिक्षित डॉक्टरों की सेवाएं उनके गांव में ही मिलेंगी। “हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण को घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले। एनक्वास प्रमाणीकरण से यह सपना हकीकत बनने जा रहा है।”
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