सारस न्यूज, वेब डेस्क।
पटना से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार की राजधानी स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) से खबर है कि यहां भर्ती एक मरीज के पैर की चार उंगलियों को चूहों ने कुतर डाला। घटना शुक्रवार रात की बताई जा रही है और अब इसको लेकर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर चौतरफा सवाल उठ रहे हैं।
पीड़ित मरीज की पहचान अवधेश कुमार के रूप में हुई है, जिन्हें हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन के बाद बेड नंबर 55 पर भर्ती कराया गया था। अवधेश पहले से मधुमेह से पीड़ित हैं और एक पैर पहले ही काटा जा चुका है। डायबिटिक न्यूरोपैथी के चलते दूसरे पैर की सर्जरी के लिए उन्हें एनएमसीएच में भर्ती किया गया था। इलाज की जिम्मेदारी डॉ. शंभू कुमार को सौंपी गई थी।
शनिवार सुबह जब परिजन मरीज से मिलने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनके पैर की चार उंगलियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। परिजनों का आरोप है कि ये नुकसान चूहों द्वारा कुतरने की वजह से हुआ है। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहद खराब है और स्टाफ की भारी कमी है। उनका यह भी आरोप है कि वार्डों में चूहों का आतंक बना हुआ है, जो मरीजों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।
इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से सफाई दी गई है। संस्थान के उपाधीक्षक डॉ. सरोज कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और स्टाफ से भी पूछताछ हो रही है। उनका कहना है कि प्राथमिक जानकारी में ऐसा प्रतीत होता है कि यह चोट किसी अन्य कारण से हुई है, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।
इस शर्मनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य के बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीज सुरक्षित हैं? ऐसे संस्थानों से जहां इलाज के लिए हजारों लोग भरोसा लेकर पहुंचते हैं, वहां इस तरह की लापरवाही न केवल चौंकाने वाली है, बल्कि चिंताजनक भी।