राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को किशनगंज जिला परिषद स्थित मेची सभागार में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य जिले में संचालित विकासात्मक और जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन करना था।
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मनरेगा, जल जीवन हरियाली, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, आंगनबाड़ी केंद्र, WPU (वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट) और जीविका समेत विभिन्न योजनाओं की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई।
आवास योजना में दिखी तेज़ी
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2016-17 से 2020-21 के बीच आवंटित 18487 आवासों में से 18417 पूर्ण हो चुके हैं और शेष 70 अपूर्ण हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में हजारों लाभार्थियों को किस्तों का भुगतान किया जा चुका है। मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शेष लाभुकों को शीघ्र भुगतान कर आवास निर्माण कार्य पूर्ण कराएं।
मनरेगा में रोजगार सृजन को प्राथमिकता
मंत्री ने निर्देश दिए कि जिन लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया है, उन्हें सात दिनों के भीतर कार्य प्रदान किया जाए। साथ ही सभी प्रखंडों में लंबित मामलों के त्वरित निपटारे की हिदायत भी दी गई।
खेल मैदान और आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति
किशनगंज जिले की 125 पंचायतों में से 95 पंचायतों में खेल मैदान तैयार किए जा चुके हैं। चिन्हित 116 स्थलों में से 65 का कार्य पूर्ण हो चुका है।
आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण कार्य की बात करें तो 38 लक्ष्यों में से 24 योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, जिनमें 20 स्थलों पर कार्य प्रारंभ भी हो चुका है।
स्वच्छता मिशन के अंतर्गत उल्लेखनीय प्रगति
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (फेज-2) के तहत व्यक्तिगत शौचालय, जियो टैगिंग, प्रोत्साहन राशि भुगतान और तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्यों में संतोषजनक प्रगति देखी गई। कई लक्ष्यों पर शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि कुछ क्षेत्रों में काम अभी प्रगति पर है।
जीविका समूहों को मिली मजबूती
अब तक जिले में 19090 स्वयं सहायता समूह बनाए जा चुके हैं, जिनमें से अधिकतर को बैंकिंग सुविधा और ऋण सहायता प्राप्त हो चुकी है। मंत्री ने ‘लखपति दीदी’ योजना की सराहना करते हुए डीपीएम जीविका को समूहों की आयवृद्धि के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए।
पारदर्शिता और जनहित पर बल
मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, समयबद्धता और जनहित सर्वोपरि होना चाहिए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से अपेक्षा जताई कि वे योजनाओं को पूरी गंभीरता के साथ लागू करें और लाभार्थियों को समय पर सेवाएं सुनिश्चित करें।