हर मां-बाप की यही तमन्ना होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ और खुशहाल रहे। मगर जब जन्म के साथ ही बच्चे के दिल में बीमारी हो, तो परिवार की चिंताएं बढ़ जाती हैं। ऐसे ही परिवारों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर सामने आई है। इस योजना के तहत किशनगंज जिले के कई बच्चों को नई जिंदगी मिली है। अब तक जिले के 31 बच्चों का मुफ्त इलाज हो चुका है और चार और मासूमों को मंगलवार को पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (IGIC) में जांच के लिए भेजा गया। जरूरत पड़ने पर इन बच्चों को इलाज के लिए श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने जानकारी दी कि अब तक 31 बच्चों का मुफ्त ऑपरेशन कराया गया है। इनमें से करीब 25 बच्चों का ऑपरेशन अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल में और शेष बच्चों का इलाज पटना IGIC में डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया के जरिए किया गया। उन्होंने बताया कि यह सफलता आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम की लगातार मेहनत और सतर्कता से ही संभव हो पाई है।
मंगलवार को जिन बच्चों को जांच के लिए पटना भेजा गया उनमें — नसरीन खातून (8 वर्ष), पल्लवी कुमारी (16 माह), राजवीर सिंह (8 वर्ष, ठाकुरगंज प्रखंड) और मोहित कुमार (3 वर्ष 4 माह, बहादुरगंज प्रखंड) शामिल हैं।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने योजना को राज्य सरकार की संवेदनशीलता का उदाहरण बताते हुए कहा, “यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक वरदान है। मैं सभी माता-पिता से अपील करता हूं कि अगर किसी बच्चे में जन्म से दिल की बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। इलाज, जांच से लेकर यात्रा तक का सारा खर्च सरकार उठाती है।”
आरबीएसके जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की जांच कर जन्मजात दोष, कुपोषण, विकास में देरी और दिव्यांगता से जुड़ी बीमारियों की पहचान की जाती है। टीम स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और गांवों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग कर रही है। वहीं डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि इलाज के अलावा यात्रा, रहने और फॉलोअप का भी सारा इंतजाम राज्य स्वास्थ्य समिति करती है ताकि किसी परिवार पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े।
अगर आपके आसपास कोई बच्चा दिल की बीमारी से जूझ रहा है या सांस लेने में दिक्कत, बार-बार थकान जैसे लक्षण हैं तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। आपकी जागरूकता किसी मासूम को नई जिंदगी दे सकती है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
हर मां-बाप की यही तमन्ना होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ और खुशहाल रहे। मगर जब जन्म के साथ ही बच्चे के दिल में बीमारी हो, तो परिवार की चिंताएं बढ़ जाती हैं। ऐसे ही परिवारों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना उम्मीद की एक नई किरण बनकर सामने आई है। इस योजना के तहत किशनगंज जिले के कई बच्चों को नई जिंदगी मिली है। अब तक जिले के 31 बच्चों का मुफ्त इलाज हो चुका है और चार और मासूमों को मंगलवार को पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (IGIC) में जांच के लिए भेजा गया। जरूरत पड़ने पर इन बच्चों को इलाज के लिए श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद भेजा जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार चौधरी ने जानकारी दी कि अब तक 31 बच्चों का मुफ्त ऑपरेशन कराया गया है। इनमें से करीब 25 बच्चों का ऑपरेशन अहमदाबाद के सत्य साईं हॉस्पिटल में और शेष बच्चों का इलाज पटना IGIC में डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया के जरिए किया गया। उन्होंने बताया कि यह सफलता आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम की लगातार मेहनत और सतर्कता से ही संभव हो पाई है।
मंगलवार को जिन बच्चों को जांच के लिए पटना भेजा गया उनमें — नसरीन खातून (8 वर्ष), पल्लवी कुमारी (16 माह), राजवीर सिंह (8 वर्ष, ठाकुरगंज प्रखंड) और मोहित कुमार (3 वर्ष 4 माह, बहादुरगंज प्रखंड) शामिल हैं।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने योजना को राज्य सरकार की संवेदनशीलता का उदाहरण बताते हुए कहा, “यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक वरदान है। मैं सभी माता-पिता से अपील करता हूं कि अगर किसी बच्चे में जन्म से दिल की बीमारी के लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। इलाज, जांच से लेकर यात्रा तक का सारा खर्च सरकार उठाती है।”
आरबीएसके जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की जांच कर जन्मजात दोष, कुपोषण, विकास में देरी और दिव्यांगता से जुड़ी बीमारियों की पहचान की जाती है। टीम स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और गांवों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग कर रही है। वहीं डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि इलाज के अलावा यात्रा, रहने और फॉलोअप का भी सारा इंतजाम राज्य स्वास्थ्य समिति करती है ताकि किसी परिवार पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े।
अगर आपके आसपास कोई बच्चा दिल की बीमारी से जूझ रहा है या सांस लेने में दिक्कत, बार-बार थकान जैसे लक्षण हैं तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। आपकी जागरूकता किसी मासूम को नई जिंदगी दे सकती है।
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