भरगामा: सरकारी सेवाओं को पारदर्शी और सुगम बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया आरटीपीएस काउंटर अब भ्रष्टाचार और दलाली का केंद्र बनता जा रहा है। मंगलवार को भरगामा प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर कार्यरत डाटा ऑपरेटर अजय कुमार रजक को बीडीओ शशि भूषण सुमन ने 200 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई उस समय हुई जब वह एक आवेदक से प्रमाण पत्र जारी करने के बदले पैसे की मांग कर रहा था।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि काउंटर के भीतर हमेशा चार–पांच दलाल मौजूद रहते हैं और इनके “सेटिंग” के बिना जाति, आय, आवास जैसे प्रमाण पत्र जारी नहीं होते। राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी सेवाओं में भी खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है।
वीरनगर पश्चिम निवासी मो. शोएब आलम ने बताया कि जब वह अपने प्रमाण पत्र के लिए काउंटर पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें किनारे बुलाकर कहा कि 1,500 रुपये दें तो आठ दिन में काम हो जाएगा। उनका आरोप है कि यह पूरा खेल डाटा ऑपरेटर और दलालों की मिलीभगत से चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जब इस मामले की शिकायत राजस्व पदाधिकारी से की गई तो उन्होंने उल्टे उन्हें कार्यालय से बाहर निकल जाने को कह दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि डाटा ऑपरेटर को घूस लेते पकड़े जाने के बावजूद काउंटर पर वसूली और मनमानी अब भी जारी है। शोएब आलम ने प्रशासन से मांग की कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि लोग बिना रिश्वत दिए अपने प्रमाण पत्र बनवा सकें।
बीडीओ शशि भूषण सुमन ने बताया कि रंगे हाथ पकड़े जाने की सूचना जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिलाधिकारी, डीडीसी, अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज और वरीय अधिकारियों को भेज दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपित कर्मी के खिलाफ शीघ्र ही विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सारस न्यूज़, अररिया।
भरगामा: सरकारी सेवाओं को पारदर्शी और सुगम बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया आरटीपीएस काउंटर अब भ्रष्टाचार और दलाली का केंद्र बनता जा रहा है। मंगलवार को भरगामा प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर पर कार्यरत डाटा ऑपरेटर अजय कुमार रजक को बीडीओ शशि भूषण सुमन ने 200 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई उस समय हुई जब वह एक आवेदक से प्रमाण पत्र जारी करने के बदले पैसे की मांग कर रहा था।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि काउंटर के भीतर हमेशा चार–पांच दलाल मौजूद रहते हैं और इनके “सेटिंग” के बिना जाति, आय, आवास जैसे प्रमाण पत्र जारी नहीं होते। राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी सेवाओं में भी खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है।
वीरनगर पश्चिम निवासी मो. शोएब आलम ने बताया कि जब वह अपने प्रमाण पत्र के लिए काउंटर पहुंचे तो कुछ लोगों ने उन्हें किनारे बुलाकर कहा कि 1,500 रुपये दें तो आठ दिन में काम हो जाएगा। उनका आरोप है कि यह पूरा खेल डाटा ऑपरेटर और दलालों की मिलीभगत से चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जब इस मामले की शिकायत राजस्व पदाधिकारी से की गई तो उन्होंने उल्टे उन्हें कार्यालय से बाहर निकल जाने को कह दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि डाटा ऑपरेटर को घूस लेते पकड़े जाने के बावजूद काउंटर पर वसूली और मनमानी अब भी जारी है। शोएब आलम ने प्रशासन से मांग की कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि लोग बिना रिश्वत दिए अपने प्रमाण पत्र बनवा सकें।
बीडीओ शशि भूषण सुमन ने बताया कि रंगे हाथ पकड़े जाने की सूचना जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, जिलाधिकारी, डीडीसी, अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज और वरीय अधिकारियों को भेज दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपित कर्मी के खिलाफ शीघ्र ही विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
Leave a Reply