जिला स्तरीय रबी कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन टाउन हॉल, अररिया में जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला पदाधिकारी अररिया एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी कृषि कर्मी और पदाधिकारी, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को किसानों तक पहुँचाकर उन्हें धरातल पर लागू करें। उन्होंने किसानों को अधिक लाभ देने वाली फसलों को वैज्ञानिक पद्धति से उगाकर अधिक मुनाफा दिलाने की सलाह दी। जिला पदाधिकारी ने अररिया जिले में स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि अगर किसानों को इसकी खेती कराई जाए तो कम लागत और समय में अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा नव-नियोजित सहायक तकनीकी प्रबंधक और प्रखंड तकनीकी प्रबंधक को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभार्थी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए। जिलाधिकारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक किसान को अपने खेत की मृदा का स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए, जिससे उन्हें यह पता चले कि किस उर्वरक की कितनी मात्रा की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में डॉ. विनोद कुमार, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र अररिया, ने किसानों और कृषि कर्मियों को रबी मौसम में केंद्र से संचालित योजनाओं और मौसम अनुकूल खेती के बारे में जानकारी दी। डॉ. संजीत कुमार, पौधा रोग विशेषज्ञ, ने रबी मौसम की फसलों में लगने वाले रोग और कीटों की पहचान एवं उनके नियंत्रण की तकनीकों पर विस्तार से बताया। श्री शशि शेखर मंडल, संयुक्त निदेशक (कु.अभि.), भूमि संरक्षण निदेशालय, बिहार, पटना, ने कर्मियों और पदाधिकारियों को बिहार सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी और निर्देश दिया कि क्षेत्र में जाकर सही किसानों का चयन कर योजनाओं का लाभ प्रदान करें।
इसके अतिरिक्त, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, उप परियोजना निदेशक आत्मा-सह-सहायक निदेशक (पौ.सं.) अररिया द्वारा भी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी, गौरव प्रताप सिंह, ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी और किसानों से अपील की कि उर्वरक की कोई कमी नहीं है और उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि किसी दुकानदार द्वारा सरकारी दर से अधिक मूल्य लिया जाता है, तो इसकी शिकायत कृषि समन्वयक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, या जिला कृषि पदाधिकारी से करें।
कार्यक्रम में सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, और सभी प्रखंडों से प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
जिला स्तरीय रबी कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन टाउन हॉल, अररिया में जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला पदाधिकारी अररिया एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी कृषि कर्मी और पदाधिकारी, कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को किसानों तक पहुँचाकर उन्हें धरातल पर लागू करें। उन्होंने किसानों को अधिक लाभ देने वाली फसलों को वैज्ञानिक पद्धति से उगाकर अधिक मुनाफा दिलाने की सलाह दी। जिला पदाधिकारी ने अररिया जिले में स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती पर जोर देते हुए सुझाव दिया कि अगर किसानों को इसकी खेती कराई जाए तो कम लागत और समय में अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी द्वारा नव-नियोजित सहायक तकनीकी प्रबंधक और प्रखंड तकनीकी प्रबंधक को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। साथ ही मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभार्थी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए गए। जिलाधिकारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक किसान को अपने खेत की मृदा का स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए, जिससे उन्हें यह पता चले कि किस उर्वरक की कितनी मात्रा की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में डॉ. विनोद कुमार, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र अररिया, ने किसानों और कृषि कर्मियों को रबी मौसम में केंद्र से संचालित योजनाओं और मौसम अनुकूल खेती के बारे में जानकारी दी। डॉ. संजीत कुमार, पौधा रोग विशेषज्ञ, ने रबी मौसम की फसलों में लगने वाले रोग और कीटों की पहचान एवं उनके नियंत्रण की तकनीकों पर विस्तार से बताया। श्री शशि शेखर मंडल, संयुक्त निदेशक (कु.अभि.), भूमि संरक्षण निदेशालय, बिहार, पटना, ने कर्मियों और पदाधिकारियों को बिहार सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी और निर्देश दिया कि क्षेत्र में जाकर सही किसानों का चयन कर योजनाओं का लाभ प्रदान करें।
इसके अतिरिक्त, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, उप परियोजना निदेशक आत्मा-सह-सहायक निदेशक (पौ.सं.) अररिया द्वारा भी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। जिला कृषि पदाधिकारी, गौरव प्रताप सिंह, ने कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी और किसानों से अपील की कि उर्वरक की कोई कमी नहीं है और उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि किसी दुकानदार द्वारा सरकारी दर से अधिक मूल्य लिया जाता है, तो इसकी शिकायत कृषि समन्वयक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, या जिला कृषि पदाधिकारी से करें।
कार्यक्रम में सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, और सभी प्रखंडों से प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।
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