कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अररिया ने शुक्रवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें कृषक उत्पाद संगठनों के निदेशक मंडल और उनके पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषक उत्पाद संगठनों को बाजार से जोड़ने में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि नाबार्ड के डीडीएम मयंक मानिक और केवीके के वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ. विनोद कुमार ने दीप प्रज्वलित करके की। इस कार्यशाला में केवीके के सभी वैज्ञानिकों ने कृषक उत्पाद संगठनों को यह समझाने की कोशिश की कि उनके उत्पादों को बाजार से कैसे जोड़ा जाए और अधिक मुनाफा कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर कृषक उत्पाद संगठनों ने अपनी समस्याओं को साझा किया, जिसमें मुख्य रूप से पैकेजिंग और मूल्य संवर्धन की तकनीकी जानकारी की कमी का उल्लेख किया गया। इन तकनीकी जानकारियों की कमी के कारण इन संगठनों के कार्य में बाधाएं आ रही हैं और बाजार में लिकेज की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
केवीके के वैज्ञानिकों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव दिए और भरोसा दिलाया कि अगले महीने केवीके विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिसमें कृषक उत्पाद संगठनों को तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, अररिया के नाबार्ड डीडीएम मयंक मानिक ने कृषक उत्पाद संगठनों को वित्तीय सहायता और योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
सारस न्यूज, अररिया।
कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अररिया ने शुक्रवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें कृषक उत्पाद संगठनों के निदेशक मंडल और उनके पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कृषक उत्पाद संगठनों को बाजार से जोड़ने में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि नाबार्ड के डीडीएम मयंक मानिक और केवीके के वरीय वैज्ञानिक और प्रधान डॉ. विनोद कुमार ने दीप प्रज्वलित करके की। इस कार्यशाला में केवीके के सभी वैज्ञानिकों ने कृषक उत्पाद संगठनों को यह समझाने की कोशिश की कि उनके उत्पादों को बाजार से कैसे जोड़ा जाए और अधिक मुनाफा कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर कृषक उत्पाद संगठनों ने अपनी समस्याओं को साझा किया, जिसमें मुख्य रूप से पैकेजिंग और मूल्य संवर्धन की तकनीकी जानकारी की कमी का उल्लेख किया गया। इन तकनीकी जानकारियों की कमी के कारण इन संगठनों के कार्य में बाधाएं आ रही हैं और बाजार में लिकेज की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
केवीके के वैज्ञानिकों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव दिए और भरोसा दिलाया कि अगले महीने केवीके विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिसमें कृषक उत्पाद संगठनों को तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, अररिया के नाबार्ड डीडीएम मयंक मानिक ने कृषक उत्पाद संगठनों को वित्तीय सहायता और योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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