सारस न्यूज टीम, पटना।
जदयू के अनिल हेगड़े निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुन लिए गए हैं। हेगड़े का कार्यकाल दो अप्रैल-2024 तक है। उपचुनाव के लिए वे एकमात्र उम्मीदवार हैं लिहाजा उनका निर्विरोध निर्वाचन तय था। नामांकन-पत्रों की जांच और नाम वापसी की अंतिम तिथि 23 मई थी। समय सीमा समाप्त होते ही हेगड़े को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। आयोग के निर्वाची अधिकारी और विधानसभा के सचिव शैलेंद्र सिंह ने नाम वापसी का समय समाप्त होने के बाद हेगड़े को प्रमाण पत्र सौंप दिया। राज्यसभा की यह सीट 27 दिसंबर 2021 से रिक्त थी। जदयू ने जार्ज फर्नांडिस के सहयोगी रहे अनिल हेगड़े पर भरोसा जताया। वे पिछले तीन दशक से नीतीश कुमार के करीबी हैं। समाजवादी आंदोलनों में लगातार भाग लेते रहे हैं। हेगड़े ने प्रमाण पत्र लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इससे पहले हेगड़े प्रमाण पत्र लेने ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के साथ विधानसभा सचिव शैलेंद्र सिंह के पास गए।
गौरतलब है कि महेंद्र प्रसाद यानी किंग महेंद्र के निधन से यह सीट रिक्त हुई थी। ऐसे में जदयू ने अनिल हेगड़े को अपना प्रत्याशी बनाया था। अनिल जदयू कार्यालय में ही पिछले 12 साल से रहते हैं। यहीं खाते हैं और यहीं पर सो जाते हैं। दिल्ली के संसद भवन थाने में अनिल 4,250 बार गिरफ्तारी दे चुके हैं। अनिल ने शादी भी नहीं की है। अनिल हेगड़े समता पार्टी और जदयू का राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं। अनिल को वशिष्ठ नारायण सिंह ने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के उपाध्यक्ष का जिम्मा सौंपा था। उसके बाद छह साल से अनिल हेगड़े पार्टी के नेशनल रिटर्निंग आफिसर रहे। अनिल हेगड़े की चर्चा डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5,150 दिनों तक लगातार अभियान चलाए जाने को लेकर होती है।