बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोई भी उम्मीदवार मनमाना खर्च नहीं कर पाएगा। चुुनाव आयोग ने सभी पदों के क्षेत्र व जनसंख्या के मुताबिक चुनाव में खर्च की सीमा तय कर दी है। वार्ड सदस्य व पंच प्रत्याशी 20 हजार रुपए तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं, जबकि मुखिया व सरपंच प्रत्याशी 40 हजार ही खर्च कर पाएंगे।
क्षेत्र बड़ा होने के कारण जिला परिषद प्रत्याशी को एक लाख रुपए तक खर्च करने की छूट दी गई है। वहीं आयोग ने पंचायत समिति सदस्य के पद पर चुनाव लड़ने वालों के लिए अधिकतम 30 हजार रुपये खर्च की सीमा तय कर दी है। सभी प्रत्याशी को तय सीमा में ही खर्च करनी पड़ेगी। प्रत्येक पद के प्रत्याशी निर्धारित राशि के अंदर ही खर्च कर सकेंगे। चुनाव में खर्च की गई राशि का हिसाब भी सभी को देना पड़ेगा। प्रत्याशियों को मतों की गणना का कार्य संपन्न होने के बाद चुनाव खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। अगर इस बार कोई प्रत्याशी खर्च का हिसाब नहीं देते हैं तो अगले चुनाव में वैसे प्रत्याशी चुनाव से वंचित रह सकते हैं। इस बावत प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बीडीओ सुमित कुमार ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के लिए खर्च की सीमा निर्धारित की गई है जो उससे अधिक खर्च करेंगे उन प्रत्याशियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई प्रत्याशियों चुनाव के दौरान निर्धारित खर्च सीमा से अधिक राशि खर्च कर वोटरों को लुभाने और प्रभावित कर उसका वोट हासिल करने का प्रयास करेगे तो पकड़े जाने पर उन प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत पर राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित खर्च सीमा से अधिक खर्च करने वाले प्रत्याशियों को बख्शा नहीं जाएगा। बीडीओ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्याशियों के खर्च के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता पर भी पूरी तरह से निगरानी की जा रही है और नामांकन से लेकर चुनाव के दिन तक किसी भी तरह की गड़बड़ी करने वाले किसी भी प्रत्याशी को बख्शा नहीं जाएगा।