सारस न्यूज टीम, पटना।
राज्य के सभी अंचलाधिकारी (सीओ) अब रोज बताएंगे कि आज उन्होंने कितनी सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त किया है। वह जमीन कब से अतिक्रमित थी। उसका रकबा क्या है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक पोर्टल बनाया है। उसका लिंक अंचलाधिकारी के आनलाइन रिर्पोटिंग लागिन में मौजूद है। विभाग के उप सचिव मनोज कुमार झा ने शुक्रवार को अंचलाधिकारियों को पत्र भेज कर कहा है कि वे इस जिम्मेवारी को गंभीरता से निभाएं।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग लंबे अरसे से अतिक्रमण मुक्ति अभियान चला रहा है। विभागीय मंत्री रामसूरत कुमार ने विधानसभा में घोषणा की थी सरकार अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चलाएगी। नई व्यवस्था से पहले अंचलाधिकारियों को अपनी मासिक रिपोर्ट में यह विवरण दर्ज करना होता था कि अभियान के तहत कितनी सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त हुई। इसके लिए उन्हें प्वाइंट भी दिए जाते थे। लक्ष्य पूरा करने पर इनाम और न करने पर दंड का प्रविधान किया गया था। लेकिन, वह व्यवस्था अधिक कारगर नहीं हुई। अभियान में सख्ती लाने के उद्देश्य से रोज रिपोर्टिंग का आदेश जारी किया गया है। आदेश के मुताबिक अंचलाधिकारी कंप्यूटर के सरजमीनी सेवा वाले मीनू में अतिक्रमण मुक्त जमीन का विवरण दर्ज करेंगे। विवरण दर्ज करने के बाद कंप्यूटर पर अपडेट का बटन दबाते ही पूरा डाटा मेन सर्वर में आ जाएगा। मुख्यालय के अधिकारी किसी अंचलाधिकारी की उपलब्धि को तुरंत देख सकेंगे। इसकी साप्ताहिक समीक्षा होगी। उपलब्धियों के आधार पर दंड और इनाम का निर्धारण होगा।
अतिक्रमण की जमीन का वर्गीकरण पांच श्रेणियों गैर मजरुआ आम, गैर मजरुआ खास, खास महाल, कैसरे हिंद एवं सरकारी विभागों की जमीन में किया गया है। पत्र में कहा गया है कि अतिक्रमण का मामला विभाग की प्राथमिकता सूची में है। इसलिए हर रोज की कार्रवाई को अपडेट करना जरूरी है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।