प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जेडीयू के इकलौते मंत्री आरसीपी सिंह ने केंद्रीय कैबिनेट से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। आरसीपी के नाम से मशहूर जेडीयू नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। गुरुवार से सांसद न रह पाने के कारण आरसीपी सिंह को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था और उनकी जगह पर इस बार झारखंड के जेडीयू अध्यक्ष खीरू महतो को संसद भेजा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी के मंत्री बने रहने के लिए संसद के किसी ना किसी सदन का सदस्य होना जरूरी था। आरसीपी सिंह को जब नीतीश कुमार ने तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा तो उसके बाद आरसीपी ने मीडिया से कहा था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और उनका जो आदेश होगा, उसका पालन करेंगे। इस हफ्ते आरसीपी सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने की भी अफवाह उड़ी थी जिसका पार्टी ने खंडन कर दिया है।
वहीं आरसीपी सिंह के साथ-साथ अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस्तीफा दिया है। उनके पास अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी थी। वह आज अपनी आखिरी केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल हुए थे जहां पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब मुख्तार अब्बास नकवी को कई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा ने इस बार उन्हें इस बार राज्यसभा नहीं भेजा है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार और भी ज्यादा गर्म है। मुख्तार अब्बास नकवी उन गिने-चुने मुस्लिम नेताओं में हैं जो भाजपा में लंबे समय से हैं।
गुरुवार को मुख्तार अब्बास नकवी और जदयू के कोटे से राज्यसभा सांसद आरपीसी सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है। चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए भी वोटिंग होनी है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है। जो भी भाजपा की ओर से प्रत्याशी होगा उसकी जीत तय है क्योंकि इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट करते हैं। इस समय इन दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए का ही बहुमत है। वहीं मुख्तार अब्बास नकवी के उपराष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल या केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
सारस न्यूज टीम, पटना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जेडीयू के इकलौते मंत्री आरसीपी सिंह ने केंद्रीय कैबिनेट से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। आरसीपी के नाम से मशहूर जेडीयू नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। गुरुवार से सांसद न रह पाने के कारण आरसीपी सिंह को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था और उनकी जगह पर इस बार झारखंड के जेडीयू अध्यक्ष खीरू महतो को संसद भेजा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी के मंत्री बने रहने के लिए संसद के किसी ना किसी सदन का सदस्य होना जरूरी था। आरसीपी सिंह को जब नीतीश कुमार ने तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा तो उसके बाद आरसीपी ने मीडिया से कहा था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और उनका जो आदेश होगा, उसका पालन करेंगे। इस हफ्ते आरसीपी सिंह के बीजेपी ज्वाइन करने की भी अफवाह उड़ी थी जिसका पार्टी ने खंडन कर दिया है।
वहीं आरसीपी सिंह के साथ-साथ अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस्तीफा दिया है। उनके पास अल्पसंख्यक मामलों के विभाग की जिम्मेदारी थी। वह आज अपनी आखिरी केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भी शामिल हुए थे जहां पीएम मोदी ने उनकी तारीफ भी की। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अब मुख्तार अब्बास नकवी को कई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा ने इस बार उन्हें इस बार राज्यसभा नहीं भेजा है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार और भी ज्यादा गर्म है। मुख्तार अब्बास नकवी उन गिने-चुने मुस्लिम नेताओं में हैं जो भाजपा में लंबे समय से हैं।
गुरुवार को मुख्तार अब्बास नकवी और जदयू के कोटे से राज्यसभा सांसद आरपीसी सिंह का कार्यकाल खत्म हो रहा है। चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए भी वोटिंग होनी है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि मुख्तार अब्बास नकवी को भाजपा अपना प्रत्याशी बना सकती है। जो भी भाजपा की ओर से प्रत्याशी होगा उसकी जीत तय है क्योंकि इसमें राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट करते हैं। इस समय इन दोनों सदनों को मिलाकर एनडीए का ही बहुमत है। वहीं मुख्तार अब्बास नकवी के उपराष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल या केंद्र शासित प्रदेश का उपराज्यपाल बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
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