चाय की गुणवत्ता व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए टी बोर्ड ऑफ इंडिया ने 23 दिसंबर से चाय की पत्तियों की तोड़ाई पर रोक लगा दी है। टी बोर्ड ऑफ इंडिया का यह निर्णय बिहार व पश्चिम बंगाल के तराई क्षेत्र में लागू होगा जिसमें चाय उत्पादक किसानों को 23 दिसम्बर तक चाय पत्ती तोड़ने का निर्देश दिया है। उसी तरह बिहार राज्य में संचालित ग्रीन लीफ प्रोसेसिंग करने वाले टी फैक्ट्रियों को भी 26 दिसंबर से रोक लगाई गई है यानी वे 25 दिसम्बर तक ही टी प्रोसेसिंग कार्य कर सकते हैं। इसके बाद चाय फैक्ट्रियां चाय की पत्तियों की खरीद नहीं कर सकेंगी। वहीं देश के अन्य चाय उत्पादित राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व दार्जिलिंग हिल्स में 11 दिसंबर से ही यह निर्देश लागू हो जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए टी बोर्ड ऑफ इंडिया के बिहार प्रभाग के प्रभारी टी डेवलपमेंट ऑफिसर मनोज महतो ने टी बोर्ड ऑफ इंडिया के आदेश की आलोक में कही। उन्होंने बताया कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर 06 अक्टूबर 2023 को ही यह निर्देश जारी कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश टी (मार्केटिंग) कॉन्ट्रल ऑर्डर 2003 की धारा 13 (3) में प्राप्त अधिकार के आलोक में ली गई हैं। यदि उक्त आदेश की अवहेलना किए जाते हैं तो पकड़े जाने पर टी (मार्केटिंग) कॉन्ट्रल ऑर्डर 2003 की धारा 5(1) (डी) के आधार पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस निर्देश के बाद चाय की कीमतों में खासी उछाल देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अलावे राज्य के चाय उत्पादक कृषकों को उनके उत्पादन का सही मूल्य, समय- समय पर सरकारी अनुदेश, सही वक्त पर मौसम की जानकारी आदि सहित अन्य कई जानकारियां देने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर पूर्व से सुविधा उपलब्ध चाय सहयोग ग्रोवर एप्स के माध्यम से उक्त सुचनायें दे दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावे भी विभागीय निर्देश समेत कई तरह की सूचनाएं टी बॉर्ड उपलब्ध कराती हैं। जैसे कि चाय उत्पादक किसानों को अपने क्षेत्र अंतर्गत संचालित चाय फैक्ट्रियों में चाय पत्ती की क्या दर है, उन्हें एप्स के माध्यम से प्रतिदिन मालूम कराई जाती हैं। इससे चाय उत्पादक किसानों व फैक्ट्रियों के बीच पारदर्शिता बनी हुई है और किसानों को सही लाभ भी मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि किस मौसम में किस तरह की खाद्य व दवाओं का प्रयोग करना है, चाय की खेती के वैज्ञानिक तरीके व नुख्शें, टी बॉर्ड के संचालित योजनाओं आदि उन्हें एप्स के द्वारा भी बताया जाता है जिससे उन्हें चाय की खेती करने में लागत में कमी व चाय उत्पादन में बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। टी बोर्ड ऑफ इंडिया चाय उद्योग को सालाना सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इस एप्स सिस्टम से जुड़ने पर टी बॉर्ड चाय उत्पादक किसानों को सब्सिडी का लाभ देती हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
चाय की गुणवत्ता व अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए टी बोर्ड ऑफ इंडिया ने 23 दिसंबर से चाय की पत्तियों की तोड़ाई पर रोक लगा दी है। टी बोर्ड ऑफ इंडिया का यह निर्णय बिहार व पश्चिम बंगाल के तराई क्षेत्र में लागू होगा जिसमें चाय उत्पादक किसानों को 23 दिसम्बर तक चाय पत्ती तोड़ने का निर्देश दिया है। उसी तरह बिहार राज्य में संचालित ग्रीन लीफ प्रोसेसिंग करने वाले टी फैक्ट्रियों को भी 26 दिसंबर से रोक लगाई गई है यानी वे 25 दिसम्बर तक ही टी प्रोसेसिंग कार्य कर सकते हैं। इसके बाद चाय फैक्ट्रियां चाय की पत्तियों की खरीद नहीं कर सकेंगी। वहीं देश के अन्य चाय उत्पादित राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व दार्जिलिंग हिल्स में 11 दिसंबर से ही यह निर्देश लागू हो जाएगा। उक्त बातों की जानकारी देते हुए टी बोर्ड ऑफ इंडिया के बिहार प्रभाग के प्रभारी टी डेवलपमेंट ऑफिसर मनोज महतो ने टी बोर्ड ऑफ इंडिया के आदेश की आलोक में कही। उन्होंने बताया कि टी बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर 06 अक्टूबर 2023 को ही यह निर्देश जारी कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि उक्त आदेश टी (मार्केटिंग) कॉन्ट्रल ऑर्डर 2003 की धारा 13 (3) में प्राप्त अधिकार के आलोक में ली गई हैं। यदि उक्त आदेश की अवहेलना किए जाते हैं तो पकड़े जाने पर टी (मार्केटिंग) कॉन्ट्रल ऑर्डर 2003 की धारा 5(1) (डी) के आधार पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस निर्देश के बाद चाय की कीमतों में खासी उछाल देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अलावे राज्य के चाय उत्पादक कृषकों को उनके उत्पादन का सही मूल्य, समय- समय पर सरकारी अनुदेश, सही वक्त पर मौसम की जानकारी आदि सहित अन्य कई जानकारियां देने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर पूर्व से सुविधा उपलब्ध चाय सहयोग ग्रोवर एप्स के माध्यम से उक्त सुचनायें दे दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावे भी विभागीय निर्देश समेत कई तरह की सूचनाएं टी बॉर्ड उपलब्ध कराती हैं। जैसे कि चाय उत्पादक किसानों को अपने क्षेत्र अंतर्गत संचालित चाय फैक्ट्रियों में चाय पत्ती की क्या दर है, उन्हें एप्स के माध्यम से प्रतिदिन मालूम कराई जाती हैं। इससे चाय उत्पादक किसानों व फैक्ट्रियों के बीच पारदर्शिता बनी हुई है और किसानों को सही लाभ भी मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि किस मौसम में किस तरह की खाद्य व दवाओं का प्रयोग करना है, चाय की खेती के वैज्ञानिक तरीके व नुख्शें, टी बॉर्ड के संचालित योजनाओं आदि उन्हें एप्स के द्वारा भी बताया जाता है जिससे उन्हें चाय की खेती करने में लागत में कमी व चाय उत्पादन में बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। टी बोर्ड ऑफ इंडिया चाय उद्योग को सालाना सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इस एप्स सिस्टम से जुड़ने पर टी बॉर्ड चाय उत्पादक किसानों को सब्सिडी का लाभ देती हैं।
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